नई दिल्ली। देश में पेट्रोल-डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से आम आदमी परेशान है, वहीं इसके विकल्प के तौर पर वह इलेक्ट्रिक वाहन बाजार में तो पहुंच गए हैं। लेकिन इनकी कीमत इतनी ज्यादा है कि देश का अधिकतम मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग की पहुंच से फिलहाल दूर है। इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन तो फिर भी लोग हिम्मत जुटाकर खरीद रहे हैं पर इलेक्ट्रिक कार मीडियम रेंज में उपलब्ध नहीं है। लेकिन जल्द ही स्थिति बदले वाली है। आगामी 2 साल में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें पेट्रोल वाहनों की कीमत के बाराबर हो जाएंगी। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसका भरोसा दिया है।
सस्टेनेबिलिटी फाउंडेशन संस्था द्वारा आयोजित वेबिनार में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि अगले दो साल में पेट्रोल कार और इलेक्ट्रिक कार की कीमतें एक बराबर हो जाएंगी। गडकरी ने दावा किया कि दो साल बाद के पेट्रोल और इलेक्ट्रिक गाड़ियां एक ही कीमत पर बिकनी शुरू हो जाएंगी। मौजूदा समय में दोनों गाड़ियों की कीमतों में बड़ा अंतर है। वेबीनार में नितिन गडकरी ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर GST महज 5 फीसदी है, जबकि पेट्रोल वाहनों पर यह काफी अधिक है।
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों की अधिक कीमत होने के पीछे लीथियम बैटरी है। लीथियम बैटरी की कीमत कम करने की दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है। देश में जल्द ऐसा समय आएगा जब लीथियम बैटरी की कीमत घट जाएंगी। इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घटना शुरु होंगी। गडकरी ने बताया कि दो सालों में पेट्रोल वाहनों के बराबर रेट पर ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां भी मिलना शुरू हो जाएंगी।
गडकरी ने जानकारी देते हुए कहा कि देश में लीथियम बैटरी की कुल आश्यकता का 81 फीसदी प्रोडक्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कैसे सस्ती बैटरी मिल सके, इसकी प्लानिंग की जा रही है। इस पर भी रिसर्च भी जारी है। उन्होंने कहा कि लोग अब इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में संकोच त्याग चुके हैं, बस उन्हें उनकी रेंज में वाहन उपलब्ध कराना बाकि है। गडकरी ने कहा कि, ऑटोमोबाइल्स कंपनियां भी इलेक्ट्रिक सेगमेंट को प्राथमिकता दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारा टारगेट है कि 2030 तक 30 फीसदी प्राइवेट कार, 70 फीसदी तक कमर्शियल कार और 40 फीसदी बसें इलेक्ट्रिक जाएं।। इसके लिए हम लगातार प्रयास कर रहे हैं।
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