जनवरी में आएगी तीसरी, फरवरी में पीक पर होगी—आईआईटी के प्रोफेसर दावा

कानपुर। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमीक्रोन को लेकर आईआईटी कानपुर के एक वैज्ञानिका का दावा डराने वाला है। उन्होंने कहा है कि देश में तीसरी लहर का असर नए साल से ही दिखना शुरू हो जाएगा। जनवरी 2022 के आखिरी हफ्ते और फरवरी की शुरुआत में इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या पीक पर होगी। आईआईटी कानपुर में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और डिप्टी डायरेक्टर मनिंदर अग्रवाल का कहना है कि ओमीक्रोन वैरिएंट में तेजी फैलने के लक्षण तो हैं, लेकिन ज्यादा घातक नहीं दिख रहे। इस वैरिएंट के हर्ड इम्यूनिटी को बाईपास करने की संभावना कम है। हालांकि, इसके फैलने के लक्षण ज्यादा हैं और अभी तक साउथ अफ्रीका से लेकर दुनिया भर में जहां भी यह फैला है, इसके लक्षण गंभीर नहीं बल्कि हल्के देखे गए हैं।

प्रोफेसर अग्रवाल की रिसर्च के अनुसार, भारत में इसकी गंभीरता ज्यादा होने की संभावना कम है, क्योंकि 80 फीसदी लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी डेवलप हो चुकी है। ऐसे में अगर इसकी लहर आती भी है तो इसका असर दूसरी लहर के डेल्टा वैरिएंट जैसा नहीं होगा। प्रो. अग्रवाल ने पहली और दूसरी लहर में भी अपनी रिसर्च जारी की थी, तब भी उनकी गणना काफी हद तक सही साबित हुई थी।

24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिला यह वैरिएंट भारत, अमेरिका और ब्रिटेन सहित दुनिया के 30 से ज्यादा देशों तक पहुंच चुका है। देश में कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र में भी इस वैरिएंट के 4 केस मिल चुके हैं। कर्नाटक में मिला पहला मरीज दुबई जा चुका है। बाकी तीनों मरीजों की हालत सामान्य है।

ओमीक्रोन वैरिएंट को डेल्टा से ज्यादा खतरनाक और संक्रामक बताया गया है। यह कोविड पीड़ित रह चुके लोगों को तीन बार संक्रमित कर सकता है। दक्षिण अफ्रीका में 24 नवंबर को इसका पहला मामला सामने आया था। अब तक इस वैरिएंट के मरीज 30 से ज्यादा देशों में मिल चुके हैं। हालांकि, अभी इस बारे में बहुत कुछ स्पष्ट नहीं है कि यह वैरिएंट कितना खतरनाक है।

Be the first to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.


*