बजट को समझने के लिए विपक्ष को बुद्धि की जरूरत है

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बजट को लेकर विपक्ष के रवैए की निंदा की है। कहा कि बजट को समझने के लिए विपक्ष को बुद्धि की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को वैसे भी गणित समझने में दिक्कत है, वो हर चीज को 0 के योग से देखेंगे। मेरा मानना है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने देश के विकास की नई राह दिखाई है।
पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि आज का बजट भाषण किसी एफएम द्वारा पढ़ा गया अब तक का सबसे पूंजीवादी भाषण है। ‘गरीब’ शब्द पैरा 6 में केवल दो बार आता है और हम एफएम को यह याद रखने के लिए धन्यवाद देते हैं कि इस देश में गरीब लोग हैं। कहा कि लोग इस पूंजीवादी बजट को खारिज कर देंगे।
दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं चकित, स्तब्ध था कि वित्त मंत्री अगले 25 वर्षों के लिए एक योजना की रूपरेखा तैयार कर रही हैं। सरकार को लगता है कि वर्तमान को किसी ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है और जनता को ‘अमृत काल’ के उदय होने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करने के लिए कहा जा सकता है। यह भारत के लोगों का मजाक उड़ाना है।
बजट के बाद पीएम मोदी ने दिलाया विश्वास
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि “हमने टैक्स नहीं बढ़ाया। एक भी पैसा अतिरिक्त टैक्स के द्वारा कमाने की कोशिश नहीं की। पिछली बार प्रधानमंत्री का आदेश था कि घाटा कितना भी हो, महामारी में जनता पर टैक्स का बोझ नहीं डालना। इस बार भी वही निर्देश थे।” कहा कि हम हर ट्रांजैक्शन पर एक प्रतिशत टीडीएस लगाकर उसमें(क्रिप्टो करेंसी) पैसे के हर लेन-देन पर भी नज़र रख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह बजट लोगों के लिए नई उम्मीदें और अवसर लेकर आया है। यह अर्थव्यवस्था को मजबूत करता है। यह अधिक बुनियादी ढांचे, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों’ से भरा है। हरित नौकरियों का एक नया प्रावधान भी है। बजट युवाओं के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को 2022-23 के लिए बजट पेश किया। इस बजट से देश का मिडिल क्लास उम्मीद लगाये बैठा था कि टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव होंगे। हालांकि इस बजट में मध्यम वर्ग को टैक्स से संबंधित राहत नहीं मिली है। वहीं टैक्स में छूट ना मिलने को लेकर निर्मला सीतारमण ने महाभारत के श्लोक के जरिए बताया कि आखिर टैक्स में बदलाव क्यों नहीं किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 के श्लोक 11 को पढ़ते हुए कहा- दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि। अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥

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