महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर मचे बवाल पर घमासान और बढ़ गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने एक बार फिर ऐलान किया है कि अगर लाउड स्पीकर पर अजान नहीं बंद हुआ तो हनुमान चालीसा उससे ज्यादा आवाज में होता रहेगा। उन्होंने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी बात रखी। मनसे चीफ ने कहा कि जहां मस्जिदों से लाउडस्पीकर नहीं उतरेगा, वहां हनुमान चालीसा होगा। यह धार्मिक नहीं बल्कि सामाजिक विषय है। अगर वे इसे धार्मिक रंग देंगे तो हमें भी अपने ही अंदाज में जवाब देना पड़ेगा।
राज ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हम इस मुद्दे पर शांति से बात करना चाहते हैं लेकिन सरकार हमारी बात नहीं समझ रही है। हमारे लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। इससे उन्हें क्या मिल जाएगा। उन्होंने कहा, मैं ये नहीं कर रहा हूं कि आप अजान मत करिए, मस्जिद में प्रार्थना मत करिए। करिए लेकिन लाउडस्पीकर पर नहीं और मेरा विरोध भी बस इतना ही है। उन्होंने कहा कि कई जगह हमारे कार्यकर्ताओं को नोटिस दिया गया, उन्हें पकड़ा गया। जो लोग नियम का पालन करवाने की कोशिश कर रहे हैं, उन पर एक्शन लिया जा रहा है।
मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि मेरा सवाल सिर्फ इतना है कि हमें गणपति में सिर्फ 10 दिन की इजाजत मिलती है और उन्हें 365 दिन की कैसे? उन्होंने कहा कि मंगलवार को मैंने खत में लिखा है कि कि सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के हिसाब से आप 45 से 50 डेसिबल के बीच लाउडस्पीकर चला सकते हैं। आखिर इसकी जरुरत ही क्या है? यह कोई एक दिन की बात नहीं है अगर लाउडस्पीकर नहीं उतारे तो हमारा विरोध हमेशा चलता ही रहेगा। अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना है तो पूरी तरह करना चाहिए।
राज ठाकरे ने कहा कि अगर लाउडस्पीकर पर अजान जारी रहती है तो हनुमान चालीसा भी नहीं रुकने वाला। मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता कि राज्य में किसी भी तरह की अशांति फैले। यही कारण है कि जब औरंगाबाद में मैं भाषण दे रहा था और मुझे अजान सुनाई थी तो मैंने पुलिस से उसे बंद कराने को कहा था। मेरा कहना ये है कि मैं मस्जिदों को लेकर विरोध नहीं कर रहा बल्कि तेज आवाज में लाउडस्पीकर का कर रहा।
पुलिस ने एक्शन क्यों नहीं लिया
मनसे चीफ ने कहा कि मुंबई में 90 फीसदी से ज्यादा मस्जिदों में कम आवाज में अजान हुई। ऐसे लोगों को धन्यवाद लेकिन कई जगह आज भी सुबह पांच बजे तेज आवाज में अजान की गई। तो पुलिस बताए कि आखिर वहां पर एक्शन क्यों नहीं लिया गया? क्या उन्होंने नियम नहीं तोड़े? पुलिस कमिश्नर बताएं आखिर कार्रवाई सिर्फ हमारे ऊपर ही क्यों? मैं फिर कहता हूं कि हमने जो भूमिका उठाई, वह सरकार तक पहुंची। अगर आगे अजान होता रहा तो हमारा विरोध भी नहीं थमने वाला।
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