मथुरा: दुनिया में हर एक बंधन की डोर प्यार से बंधी है, अगर जीवन में प्यार न हो, तो ज़िंदगी वीरान हो जाती है। फिर चाहे वो प्यार माता-पिता का हो, भाई-बहन का हो, दोस्त का हो, या फिर प्रेमी-प्रेमिका का हो। प्यार के बिना जीवन अधूरी है। इस प्यार को बरकरार रखने के लिए ही प्रकृति ने वसंत ऋतु बनाई है। इस मौसम में जहां, बाग़-बगीचे में कोयल की कू-कू गूंजने लगती है, बागों में फूल खिल जाते हैं। वहीं, पतझड़ में बहार आ जाते हैं और पूरे वातावरण में नव जीवन का संचार होता है।
प्रस्तुत है: बैलेंटाइन रेस्ट्रो और लाउंज
पहल द्वारा: पहेली इवेंट मैनेजमेंट कंपनी
1 डे ड्रीम्स के साथ सहयोग में
द्वारा प्रायोजित: चक्रवात जिम
द्वारा होस्ट किया गया: आयुष चतुर्वेदी
प्रबंधित: आयुष चतुर्वेदी/शुभ सक्सेना/आकाश चौरसिया
द्वारा समर्थित: श्री अनुभव और श्री सिद्धार्थ ठाकुर
वेन्यू – बालेंटीन का रेस्ट्रो और मोतीमज़िल एनएच 2 मथुरा शहर के पास राजमार्ग प्लाजा के पीछे लाउंज
जबकि वसंत ऋतु के आगमन से युवा दिलों की धड़कनें तेज़ हो जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस महीने में एक प्रेमी अपने प्यार का इज़हार अपने हमदम से करता है, और इस इज़हार-ए-इश्क़ में कुछ लोगों को कामयाबी, तो कुछ लोगों को नाकामयाबी मिलती है। वैसे प्यार के इज़हार में किसी विशेष तिथि का इंतज़ार नहीं करना चाहिए, और अगर दिल में किसी के लिए प्यार है तो उसका इज़हार जल्द से जल्द कर देना चाहिए। ऐसे करने से दोनों पक्षों को क्लीयरटी मिल जाती है। हालांकि, कई मामले में प्यार का इज़हार महज दो लोगों के आपसी अंडरस्टैंडिंग से हो जाती है, लेकिन कुछ मामलों में बहुत इंतज़ार करना पड़ता है और ये इंतज़ार फरवरी के महीने में ख़त्म हो जाता है।
कब है वैलेंटाइन डे?
हर साल दुनिया भर में 14 फरवरी का दिन वैलेंटाइन डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को साल का सबसे रोमांटिक दिन माना गया है। जब वैलेंटाइन डे के मौके पर एक प्रेमी अपने प्यार का इज़हार करता है, लेकिन लव एक्सपर्ट ऐसे लोगों को वैलेंटाइन डे ही क्यों रिकमेंड करते हैं, क्या आप जानते हैं? अगर नहीं, तो आज हम आपको वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है, और इसकी शुरुआत कब से हुई, इसके बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं।
क्यों मनाया जाता है वैलेंटाइन डे
बात सदियों पुरानी है, जब रोम में राजा क्लॉडियस का सम्राज्य हुआ करता था, जो अपने पराक्रम, वीरता और श्रेष्ठता के लिए दुनिया भर में जाना जाता था और एक दिन क्लॉडियस ने अपने सम्राज्य को विश्व शक्ति बनाने के लिए अजीबोग़रीब फ़रमान जारी किया। जिसमें उन्होंने अपने सम्राज्य के किसी भी पुरुष को शादी नहीं करने का आदेश दिया। इस बारे में क्लॉडियस का कहना था कि शादी करने से पुरुष की बौद्धिक और शारीरिक शक्ति का नाश हो जाता है। ऐसे में रोम की वीरता और श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए पुरुषों को अविवाहित रहना ज़रूरी है।
क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान से पूरे रोम में हाहाकार मच गया। लोगों ने, खासकर महिला वर्ग ने इसका पूरा विरोध किया और वे धार्मिक संतों के पास पहुंचे। इसके बाद संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के इस तुग़लकी फ़रमान का पुरज़ोर विरोध किया और रोम के लोगों को शादी करने के लिए प्रेरित किया।
इसके अतिरिक्त संत वैलेंटाइन ने क्लॉडियस के आदेश की परवाह न करते हुए, रोम में सैनिकों और अधिकारियों समेत आम लोगों की शादी करवाई। जिससे क्लॉडियस काफी नाराज़ हुए और उन्होंने 14 फरवरी सन् 269 को संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करने का आदेश दिया और फिर संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार कर उन्हें सूली पर चढ़ा दिया गया। जिस दिन संत वैलेंटाइन को सूली पर लटकाया गया, उसी दिन से वैलेंटाइन डे मनाने की प्रथा की शुरुआत हुई।
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