नई दिल्ली। मोदी सरकार ने भारत में जन्म और मृत्यु के पंजीकरण के लिए आधार को अनिवार्य बनाने वाला संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित कर दिया है। इसका उद्देश्य रजिस्ट्रेशन प्रॉसेस को डिजिटल बनाने के साथ ही सुव्यवस्थित करना है, ताकि इसे नागरिकों के लिए और अधिक सुविधाजनक बनाया जा सके। यह पूरी दुनिया के लिए एक आदर्श के रूप में काम कर सकता है। बता दें कि इस संशोधन विधेयक में एक ऐतिहासिक बदलाव किया गया है, जो जन्म और मृत्यु के रजिस्ट्रेशन के लिए विशिष्ट पहचान संख्या यानी आधार को अनिवार्य बना देगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक के लागू होने पर बर्थ रजिस्ट्रेशन के दौरान माता-पिता या अभिभावक के आधार नंबर की जरूरत होगी। विधेयक का प्रमुख उद्देश्य जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रेशन के लिए राष्ट्रीय और राज्य-स्तरी डेटाबेस तैयार करना है।
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