गृह मंत्रालय ने 54 साल बाद कई राज्यों में दिया मॉक ड्रिल कराने का आदेश

मॉक ड्रिल

यूनिक समय, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव गहरा गया है। इस घटनाक्रम के मद्देनजर, गृह मंत्रालय ने पूरे देश में मॉक ड्रिल (मूल्यांकन अभ्यास) कराने का आदेश जारी किया है। यह आदेश 1971 के युद्ध के बाद पहली बार दिया गया है और इसका उद्देश्य नागरिक सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया व्यवस्था का परीक्षण करना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठकों के बाद यह आदेश जारी किया गया, जिसमें पहलगाम हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई पर विचार-विमर्श किया गया। इस हमले में 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। वहीं, पाकिस्तान द्वारा दो दिन पहले दूसरा मिसाइल परीक्षण किए जाने के बाद भारत ने इस कदम को और अधिक महत्वपूर्ण माना है।

गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश में कहा गया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य देशभर में हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली की कार्यक्षमता का मूल्यांकन करना है। मॉक ड्रिल में नागरिकों, छात्रों और अन्य समुदायों को सुरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि किसी आपात स्थिति में वे खुद को बचा सकें। इस अभ्यास में “क्रैश ब्लैकआउट” उपायों का भी परीक्षण किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महत्वपूर्ण संयंत्रों और सरकारी प्रतिष्ठानों को तुरंत छिपाया जा सके।

इसके अलावा, वार्डन सर्विस, अग्निशमन, बचाव कार्य और डिपो मैनेजमेंट जैसी नागरिक सुरक्षा सेवाओं की प्रतिक्रिया और सक्रियता का भी मूल्यांकन किया जाएगा। मॉक ड्रिल में जिला नियंत्रक, स्थानीय अधिकारी, नागरिक सुरक्षा वार्डन, स्वयंसेवी संगठन, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस), नेहरू युवा केंद्र संगठन (एनवाईकेएस) और स्कूल-कॉलेज के छात्र भी सक्रिय रूप से भाग लेंगे।

इस अभ्यास का आयोजन विभिन्न स्तरों पर किया जाएगा, जिसमें विशेष रूप से शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा पहलुओं को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।

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