मथुरा। साल का आखिरी सूर्य ग्रहण लग चुका है। ज्योतिषियों के अनुसार इस ग्रहण का प्रभाव लंबे समय तक रहेगा। ऐसा कहा जा रहा है कि करीब 57 साल बाद ऐसा बड़ा और विशेष सूर्यग्रहण एक बार फिर से लगा है। इससे पहले वर्ष 1962 में सूर्य को ऐसा ग्रहण लगा था। उस दौरान 7 ग्रह एक साथ थे। तो वहीं 26 दिसंबर के सूर्य ग्रहण में 6 ग्रह (सूर्य, चन्द्रमा, शनि, बुध, बृहस्पति, केतु) एक साथ हैं।
ग्रहण का प्रभाव: ये सूर्य ग्रहण धनु राशि और मूल नक्षत्र में बना है। इसलिए व्यक्तिगत रूप से धनु राशि और मूल नक्षत्र में जन्मे लोगों पर इस ग्रहण का खास प्रभाव पड़ने वाला है। ज्योतिषियों की मानें तो इस ग्रहण का दुनिया के कई हिस्सों में विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। राजनीति में कई उथल पुथल देखने को मिलेंगे। महंगाई बढ़ने के आसार रहेंगे। अपराधों में वृद्धि हो सकती है। ये देश की आंतरिक व्यवस्था को पूरी तरह से प्रभावित करता नजर आ रहा है। सूर्य ग्रहण के कारण देश के कुछ राज्यों में कानून व्यवस्था को चुनौती भी मिल सकती है। सूर्य ग्रहण के प्रभाव के चलते राजनीति के धुरधंरों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए राजनीति के लिहाज से इस ग्रहण को ठीक नहीं माना जा रहा है।
राशियों पर इसका प्रभाव: कर्क, तुला, मीन, कुंभ राशि के जातकों के लिए ग्रहण शुभ फल प्रदान करने वाला बनेगा। तो वहीं वृषभ, कन्या, धनु और मकर राशि वालों की ये मुश्किलें बढ़ाने का काम करेगा। हालांकि मेष, मिथुन, वृश्चिक, सिंह राशि के जातकों के लिए यह मिलाजुले परिणाम देगा। सूर्यग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ग्रहण के खत्म होने के बाद स्नान कर दान पुण्य जरूर करें।
सूर्यग्रहण: नये साल में पहला सूर्य ग्रहण 21 जून को लगेगा। जिसे भारत समेत अमेरिका, पूर्वी यूरोप, दक्षिणी यूरोप और अफ्रीका में देखा जा सकेगा। दूसरा सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा। ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसे प्रशांत महासागर के क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। इस तरह 2020 में कुल दो सूर्य ग्रहण लगेंगे।
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