नई दिल्ली। आज हम आपको एक ऐसी लड़की के बारे में बताने जा रहे है जो है तो इंजीनियर लेकिन वो मार्केट में सब्जिया बेच रही है। हम बात कर रहे है चण्डीगढ़ के मार्केट में सब्जी बेच रहीं उर्वशी की। अब आप कहेगें की ऐसी क्या मजबूरी हुई की उर्वशी इंजीनियर होने के बाद सब्जी बेच रही हैं। तो सुनिए उर्वशी किसी मजबूरी में सब्जी नहीं बेच रहीं बल्कि ये कुछ अलग कर रही हैं उर्वशी की कहानी युवाओं और किसानों को प्रेरणा देने वाली है।
उर्वशी एक किसान की बेटी हैं उर्वशी के पिता राजकुमार आर्य प्राकृतिक खेती करते हैं मतलब ये की ये अपने खेतों में किसी भी तरह का रासायनिक खाद या कैमिकल पेस्टिसाईडस नहीं डालते। रामजकुमार आर्य ने अपनी मेहनत से प्राकृतिक खेती में अच्छा उत्पादन लिया। लेकिन समस्या ये थी की अपने उत्पाद बेचे कहां मण्डी मे तो भाव मिलते नहीं। ऐसे में उर्वशी ने अपने पिता को राह दिखाई।
हरियाणा में कुरूक्षेत्र के मेहरा गांव के रहने वाले राजकुमार आर्य ने बेटी के कहने पर अपने उत्पादों को खुद बेचना शुरू किया। इंजीनियरिंग करने के बाद उर्वशी ने नौकरी नहीं की बल्कि अपने पिता के साथ खेती के उत्पादों की मार्केटिग शूरू की । राजकुमार आर्य सप्ताह में दो दिन चण्डीगढ में सुकना लेक के पास लगने वाली आर्गेनिक मण्डी में सब्जी और दूसरे फल बेचने जाते हैं उर्वशी भी अपने पिता की सहायता करती है। यहां इनके उत्पाद अच्छे रेट पर बिकते हैं।
उर्वशी की कोशिश से अब राजकुमार आर्य के उत्पाद देश के कोने कोने में बिक रहें हैं। उर्वशी ने अपने पिता को अपने उत्पाद बेचने का हौंसला दिया। इसी कारण आज राजकुमार आर्य अपने 7 एकड़ के खेत में लाखों रू कमा रहे हैं। आज राजकुमार आर्य प्राकृतिक खेती करने वाले सफल किसानों में बड़ा नाम है। बहुत से किसान प्राकृतिक खेती करना चाहते हैं लेकिन उत्पादों के अच्छे रेट ना मिलने के कारण हौंसला नंही जुटा पाते। लेकिन यहा उर्वशी ने साबित कर दिया की अगर व्यक्ति ठान ले तो वो अपनी मेहनत और लगन से वो सब कुछ हासिल कर सकता है जो वो चाहता है।
Leave a Reply