इंडियन नेवी के बाद भारतीय वायुसेना को नया झंडा मिलने जा रहा है। रविवार को इंडियन एयरफोर्स डे के दिन नई इबारत लिखी जाएगी। इस महत्वपूर्ण दिन को वायुसेना प्रमुख और भी ज्यादा महत्वपूण बनाने वाले हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वायुसेना प्रमुख नये वायुसेना ध्वज का अनावरण कल यानी रविवार को संगम नगरी प्रयागराज में करेंगे। साल 1932 में इंडियन एयरफोर्स को अंग्रेजों ने कबीलों से लड़ने के लिए बनाया था, आज़ादी से पहले ब्लूचितसान इलाके में कबीलाई गुरिल्ला अंग्रेजों पर हमला कर देते थे और इन्हीं का खात्मा करने के लिए एक क्वार्डन बनाने की अंग्रेजो ने योजना बनाई।
अगर हिस्ट्री की बात करें तो अंग्रेजों के समय बनाये गए वायुसेना के झंडे पर एन साइन में ऊपर की तरफ बाएं कैंटन में यूनियन जैक और फ्लाई साइड पर आरआईएएफ राउंडेल (लाल, सफेद और नीला) शामिल था। आज़ादी के बाद, निचले दाएं कैंटन में यूनियन जैक को भारतीय ट्राई कलर और आरएएफ राउंडल्स को आईएएफ ट्राई कलर राउंडेल के साथ मिलाकर इंडियन एयरफोर्स का झंडा बनाया गया। आजादी के बाद कई मौकों पर वायुवीरों ने देश की रक्षा की और देश के नागरिकों को हर मुसीबत से निकाला। इसी को ध्यान में रखते हुए रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना के ध्वज को कुछ इस तरह से बनाने की सोची कि नई युवा पीढ़ी उनके बलिदान और समर्पण को समझ सकें और अपनी ज्यादा से ज्यादा भागीदारी सेना की तरफ दें।
मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक इंडियन एयरफोर्स को जो नया ध्वज मिलेगा वह एलएएफ ध्वज बनाया गया है। इसमें एनसाइन के ऊपरी दाएं कोने में फ्लाई साइड की ओर वायु सेना क्रेस्ट को शामिल किया गया है। बता दें कि IAF क्रेस्ट का राष्ट्रीय प्रतीक है, शीर्ष पर अशोक और उसके नीचे देवनागरी में सत्यमेव जयते शब्द लिखा हुआ है। अशोक के नीचे एक पहाड़ी ईगल है, जिसके पंख फैले हुए हैं, जो भारतीय वायुसेना के लड़ने की ताकत को दिखा रहा है। नीले रंग की एक अंगूठी ईगल को घेरे हुए है जिस पर लिखा है भारतीय वायु सेना। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स का स्लोगन “नभः स्पृशं दीप्तम्” लिखा है।
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