पीएम मोदी पर बनी बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर अब देश भर में बवाल तेज हो गया है. एक तरफ विपक्ष की कोशिश है कि इसकी स्क्रीनिंग कराई जाए तो दूसरी तरफ बीजेपी इसके विरोध में है.
बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर जारी विवाद ने अब हिंसक मोड़ ले लिया है. केरल के कुछ कॉलेजों में मंगलवार (24 जनवरी) देर शाम डॉक्यूमेंट्री सीरीज की स्क्रीनिंग की गई. इसके विरोध में बीजेपी की यूथ विंग ने जमकर बवाल किया. युवा मोर्चा ने इसके खिलाफ मार्च भी निकाला. यहां तक की कुछ लोगों की राजधानी में पुलिस के साथ झड़प भी हुई. पुलिस ने कई राउंड वाटर कैनन चलाए. इस हिंसक विरोध के दौरान कई कार्यकर्ताओं को मामूली चोटें आईं हैं.
पुलिस ने बताया कि पलक्कड़ और वायनाड जिलों से भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शनों की सूचना मिली है. डीवाईएफआई की देखा देखी यूथ कांग्रेस ने भी 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के दिन डॉक्यूमेंट्री दिखाने का फैसला किया है. डॉक्यूमेंट्री स्क्रीनिंग के इस फैसले को युवा कांग्रेस नेता अनिल के एंटनी, वरिष्ठ नेता एके एंटनी के बेटे का समर्थन मिला है. अब इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर देश भर में बवाल बढ़ता ही जा रहा है.
59 मिनट की इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर इसलिए इतना विवाद गहराता जा रहा है क्योंकि यह 2002 के गुजरात दंगों के बारे में है. भारत सरकार ने सोशल मीडिया और वीडियो-शेयरिंग कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म से डॉक्यूमेंट्री या उसके लिंक को हटा दें. सरकार का आरोप है कि इस डॉक्यूमेंट्री में निष्पक्षता की कमी है. इसे गलत तरीके से दिखाया गया है.
दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भी मंगलवार को देर रात लेफ्ट छात्र संगठनों ने काफी हंगामा किया. इस दौरान लेफ्ट और एबीवीपी आमने सामने आ गए थे और दोनों में बड़ी देर तक तकरार होती रही. इसके अलावा हैदराबाद यूनिवर्सिटी में भी इसकी स्क्रीनिंग कराई गई थी.
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