
यूनिक समय, नई दिल्ली। भारत सरकार द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरने के प्रयासों के तहत विभिन्न प्रतिनिधिमंडल विदेशों के दौरे पर हैं। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कोलंबिया की यात्रा पर है। इस दौरे के दौरान एक कूटनीतिक विवाद उस समय खड़ा हो गया जब कोलंबियाई सरकार ने पाकिस्तान में मारे गए आतंकवादियों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
शशि थरूर ने कोलंबिया की इस प्रतिक्रिया पर कड़ा ऐतराज जताया और स्पष्ट रूप से कहा कि यह बयान उन पीड़ितों के प्रति असंवेदनशील है, जो भारत में आतंकवादी हमलों का शिकार हुए हैं। उन्होंने कहा, “हम कोलंबियाई सरकार की प्रतिक्रिया से निराश हैं, क्योंकि उन्होंने आतंकवाद पीड़ितों के प्रति सहानुभूति जताने की बजाय, भारत की जवाबी कार्रवाई में हुई पाकिस्तान की क्षति पर संवेदना जताई।”
शशि थरूर की सख्त प्रतिक्रिया के बाद कोलंबियाई सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लिया और अपना बयान वापस ले लिया। कोलंबिया के विदेश मंत्रालय के उप मंत्री के साथ हुई बैठक में इस फैसले की पुष्टि की गई।
उन्होंने इस दौरान कोलंबिया के संसद के सदस्यों और सरकारी प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की और भारत की ओर से स्पष्ट संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। शशि थरूर कहा, “हम गांधी की भूमि से हैं, जिसने दुनिया को अहिंसा का मार्ग दिखाया है, लेकिन हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएंगे। हम स्वतंत्र हैं और भय में नहीं जीएंगे।”
इस कूटनीतिक प्रयास से भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर समर्थन मिलता दिख रहा है, और शशि थरूर के हस्तक्षेप के बाद कोलंबिया का कदम इसकी एक अहम मिसाल बन गया है।
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