जेल से रिहाई के बाद दो माह से कानपुर के बिठूर थाने में रह रहे पाकिस्तानी नागरिक वकास अहमद उर्फ इब्राहिम खान की रविवार को पाकिस्तान के लिए रवानगी हो गई। वकास ने अपनी सजा को भगवान श्रीराम की तरह वनवास काटने जैसा बताया।
साथ ही बिठूर थाने में बिताए गए समय की बातें साझा की। इस मौके पर वकास ने फिर भारत आने की इच्छा जताई। 14 मई को वकास पाकिस्तानी अफसरों को सौंप दिया जाएगा।
वकास अहमद
बता दें वकास अहमद 2005 में दिल्ली में भारत-पाकिस्तान के बीच मैच देखने आया था। इसके बाद वापस नहीं गया। मई 2009 में एटीएस के तत्कालीन इंस्पेक्टर ने वकास को कानपुर महानगर में मंधना स्थित एक साइबर कैफे से दबोचा था।
उसके पास से भारत का नक्शा, कई गोपनीय दस्तावेज और सेना के मूवमेंट से जुड़े कागजात मिले थे। कोर्ट ने वकास अहमद को 10 साल की सजा सुनाई थी।
वकास अहमद उर्फ इब्राहिम खान (फाइल फोटो) – फोटो : अमर उजाला
12 फरवरी को सजा पूरी करने के बाद जेल से रिहा हुआ वकास बिठूर थाने में पुलिस की निगरानी में रह रहा था। पाकिस्तानी नागरिक वकास अहमद उर्फ इब्राहिम खान बस कहने को बिठूर थाने में पुलिस की निगरानी में रह रहा था।
वह थाने के परिसर में बनी पुलिस बैरक के एक कमरे में रहता था। पुलिस वालों के साथ खाता-पीता था। जरूरत पर थाने के कामकाज में मदद भी करता था। वकास के मुताबिक जेल की चहारदीवारी के बीच 10 साल गुजारे, लेकिन यहां (थाने में) आजादी है।
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