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नई दिल्ली। जांच एजेंसियां जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए लगातार छापामारी कर रही है। आतंकवादी संगठनों को फंडिंग करने वालों के खिलाफ एनआईए ने 25 नवंबर को शोपियां सहित 5 जगहों पर छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी उत्तर प्रदेश के लखनऊ से 11 जुलाई को दबोचे गए दो आतंकवादियों के अलकायदा से कनेक्शन खोजने हुई थी। यहा से एनआईएको कई अहम सुराग हाथ लगे हैं।
एनआईए की छापेमारी में शोपियां और बडगाम जिलों से कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस बरामद हुई हैं। आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) ने 11 जुलाई को अलकायदा समर्थित ‘अंसार गजवतुल हिंद’ के दो सक्रिय सदस्य मिन्हाज अहमद और मसीरुद्दीन को पकड़ा था। जांच में सामने आया था कि इनके कनेक्शन आतंकवादी संगठन अलकायदा से हैं। ये 15 अगस्त से पहले लखनऊ, यूपी और उत्तर प्रदेश के कई बड़े शहरों में ब्लास्ट का साजिश रच रहे थे। चूंकि अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए आतंकवादी संगठन यहां अशांति फैलाना चाहते हैं। जांच में सामने आया था कि आरोपी मानव बम के जरिये ब्लास्ट करने की साजिश रच रहे थे। दोनों आतंकवादियों के जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों से कनेक्शन सामने आने के बाद एनआईए ने यह छापेमारी की थी।
दोनों आतंकवादियों की गिरफ्तारी के बाद यह मामला 29 जुलाई को एनआईए ने जांच के लिए अपने हाथ में ले लिया था। 25 नवंबर को NIA ने एनआईए ने शोपियां के वाची में जमात-ए-इस्लामी के वरिष्ठ कार्यकर्ता मोहम्मद शफी शाह और एक निजी स्कूल में शिक्षक शाहिद अहमद शाह, एक निजी कंपनी में कार्यरत रियाज अहमद शाह, भेड़ पालन विभाग के कर्मचारी, स्थानीय औकाफ कमेटी के प्रमुख और पीडीपी कार्यकर्ता मुहम्मद शाबान कुमार के घर और नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ता व तरखान मुहम्मद लतीफ शाह के घर पर छापा मारा था।
इस बीच सेना ने लाइन ऑफ कंट्रोल(LOC) पर एक आतंकवादी को मार गिराया है। इधर, सुरक्षाबलों ने पिछले कुछ दिनों में आम नागरिकों की हत्या करने वाले 20 आतंकवादियों का एनकाउंटर किया है। जम्मू-कश्मीर के DGP दिलबाग सिंह ने मीडिया को बताया कि आम नागरिकों की हत्या में शामिल सभी आतंकवादी मारे जा चुके हैं। हैदरपोरा एनकाउंटर पर सवाल उठाए जाने पर DGP ने कहा कुछ लोग हत्यारों को निर्दोष के रूप में देखते हैं। पुलिस पेशेवर काम कर ही है। उनके अधिकारियों को पता है कि ऑपरेशन कैसे किया जाता है। इस मामले की जांच SIT कर रही है। उधर, रामबाग में तीन आतंकवादियों को मार गिराए जाने पर PDF लीडर महबूबा मुफ्ती ने गुरुवार को सवाल उठाए। महबूबा ने ट्वीट किया, ”कल रामबाग में हुई कथित मुठभेड़ के बाद उसकी प्रामाणिकता को लेकर जायज शक पैदा हो गए हैं।” बता दें कि आम नागरिकों की हत्या में शामिल वांछित ‘द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ आतंकवादी संगठन के एक स्वयंभू कमांडर समेत तीन आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने बुधवार को मार गिराया था।
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