11 अक्टूबर को मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों से परेशान होकर अजमेर के जगदीश पुरी मंदिर के पुजारी गोविंद नारायण ने आत्मदाह कर लिया। उन्होंने खुद पर केरोसिन डालकर खुद को आग लगा ली। घटना में वह 90% तक झुलस गए। जिसके बाद 13 अक्टूबर की देर रात उनकी मौत हो गई। घटना के बाद अजमेर के लोगों में काफी आक्रोश है। आज अजमेर में महापंचायत बुलाई गई है।
दरअसल गोविंद नारायण के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला था। जिसमें उन्होंने मंदिर कमेटी के पदाधिकारियों के खिलाफ खुद की बहू को छेड़ने और मंदिर खाली करवाने की बात कही थी। वही मंदिर कमेटी के पदाधिकारी गोविंद नारायण के खिलाफ पहले ही पुलिस में शिकायत दे चुके थे। मामले में फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों की ओर से जांच में जुटी हुई है। देर रात जैसे ही पंडित के आत्मदाह की सूचना मिली तो परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। जिसके बाद अजमेर के कई संगठनों ने अब अजमेर में महापंचायत बुलाई है। इसमें शव लेने की बात पर 50 लाख का मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग रखी जाएगी। महापंचायत की घोषणा के बाद अब पुलिस ने भी भारी जाब्ता अजमेर में तैनात किया है। पुलिस के बड़े अधिकारी खुद मामले की जांच कर रहे हैं।
यह पहला मामला नहीं है जब राजस्थान में रसूखदारओं से परेशान होकर किसी पुजारी ने सुसाइड किया हो। इससे पहले भी राजधानी जयपुर में एक पुजारी ने सुसाइड कर लिया था। उसके परिवार ने आरोप लगाया था कि मंदिर कमेटी के लोग उनके परिवार को जबरन मंदिर से बाहर करना चाहते हैं।
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