अखिलेश यादव ने बोला योगी सरकार पर हमला

  • सपा नेता ने कहा- रोजगार के नाम पर लोगों को भ्रमित कर रही सरकार
  • मजदूरों को ट्रेन से वापस लाने के लिए वसूला गया किरायाः अखिलेश यादव

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक बार फिर से बीजेपी पर जोरदार हमला बोला है. बीजेपी पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि झूठ के पैर नहीं होते है. इस कहावत का सच जगजाहिर है, पर बीजेपी को इस पर यकीन नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी सरकार और उसके प्रवक्ताओं के झूठे दावों का सच सामने आने में देर नहीं लगती है. कोरोना संकट के दौर में स्थानीय बेरोजगारों और बाहर से आने वाले मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के बीजेपी के दावे धोखे साबित हो रहे हैं.

अखिलेश यादव ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट बताती है कि 3 मई 2020 तक बेरोजगारी दर बढ़कर 27.1 प्रतिशत पर पहुंच गई, जबकि मार्च 2020 में यह 8.74 प्रतिशत थी. देश में 24.95 फीसदी मजदूरों के पास कोई काम नहीं है. फिर रोजगार किसे और कहां मिल रहा है? क्या बीजेपी ने भ्रमित करने का ठेका ले रखा है?

सीएम योगी पर निशाना साधते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के श्रमिकों ने ही बताया कि भिवंडी से गोरखपुर लाने के लिए उनसे 745 रुपये ट्रेन का किराया वसूला गया. बीजेपी सरकार उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को बाहर से मुफ्त वापस लाने का दावा करते नहीं थकती है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. श्रमिकों के साथ यह धोखा शर्मनाक है. प्रदेश के अन्य जनपदों के श्रमिक भी अपनी टिकटें दिखा रहे हैं. लोग कह रहे है कि अगर ये रेल टिकट नहीं है, तो क्या बंधक श्रमिकों को छोड़ने पर ली गई फिरौती की सरकारी रसीद है? देशभर के मजदूरों को लग रहा है कि अब वो बीजेपी सरकार के बंधक बन गए हैं.

सपा नेता ने आरोप लगाया कि श्रमिकों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जा रहा है. बीजेपी सरकार में मजदूर बेबस और मजबूर हैं. उनके पास एक जोड़ी कपड़ा और खाने का ठिकाना तक नहीं हैं. जिनको फ्री ट्रेन सेवा के नाम पर लूटा गया, उन असहाय गरीबों को बेदर्दी से सड़क पर सैनिटाइज करना संवेदनशून्यता की पराकाष्ठा है. मजदूर गीले कपड़ों के साथ सफर करने को मजबूर हैं. सरकार जनता को सताने में अपनी बहादुरी समझती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि कोरोना संकट में मजदूरों को अपने गांव-घर में ही सुरक्षा की उम्मीद है. उनको जल्द से जल्द उनके घरों को पहुंचाना चाहिए. अखिलेश यादव ने सवाल उठाया कि आखिर असंवेदनशील सरकार इनकी पुकार कब सुनेगी? बीजेपी का ‘झांसा कारोबार’ ठप करने की ताकत लोकतंत्र में जनता के पास सुरक्षित है, बस समय का इंतजार है.

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