नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर लंबे समय से चली आ रही ऊहापोह की स्थिति के बीच अब आखिरकार फैसला हो गया। सूत्रों के मुताबिक दोनों ही पार्टियां दिल्ली और हरियाणा में गठबंधन कर चुनाव लड़ेंगी। वहीं, पंजाब पर जल्द ही फैसला होगा। सूत्रों ने बताया कि दिल्ली और हरियाणा में दोनों पार्टियां कितनी सीटों पर गठबंधन करेंगी, इस बात पर अभी निर्णय नहीं लिया गया है। इसके साथ ही बताया जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी अपने चुनावी घोषणापत्र में आम आदमी पार्टी के प्रमुख मुद्दे दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को भी शामिल कर सकती है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अंतिम दौर की बातचीत शुरू कर दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन की अटकलों को उस समय और बल मिला जब AAP के नेता व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको के साथ बुधवार शाम बैठक की। हाल ही में आप से गठबंधन को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा था कि गठबंधन के लिए रास्ते खुले हैं। इसी क्रम में राहुल गांधी ने दिल्ली कांग्रेस प्रदेश कमिटी अध्यक्ष शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको सहित दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के नेताओं को दो बार बैठक के लिए बुलाया था। सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस ने दिल्ली में गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी को आख़िरी फ़ॉर्मूला दिया है। नए फ़ॉर्मूले के मुताबिक़ कांग्रेस ने दिल्ली में 3 सीटें मांगी हैं। साथ ही हरियाणा में आम आदमी पार्टी (AAP) को 1 सीट और पंजाब में कोई सीट नहीं देने का ऑफ़र रखा है। अगर आम आदमी पार्टी को ये फ़ॉर्मूला मंजूर होता है तो गठबंधन होगा नहीं तो कांग्रेस सातों सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान करेगी। वहीं आम आदमी पार्टी के सूत्रों के मुताबिक़ कांग्रेस से अभी कोई औपचारिक संदेश नहीं आया है। आम आदमी पार्टी दिल्ली में 6 सीटों पर अड़ी है। बता दें कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था. जहां शीला दीक्षित खेमा अरविंद केजरीवाल के साथ गठबंधन के खिलाफ था. वहीं, पीसी चाको और दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अजय माकन आप के साथ गठबंधन चाहते थे। सूत्रों के मुताबिक AAP के खाते में पूर्वी, उत्तर पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी दिल्ली सीट गई है, जबकि कांग्रेस को नई दिल्ली, चांदनी चौक और उत्तर पश्चिमी सीट दी गई है। बताया जाता है कि गठबंधन के मसौदे पर सैद्धांतिक सहमति बनने के बाद चाको ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। यह रिपोर्ट अब औपचारिक स्वीकृति के लिए केरल से लौटने के बाद राहुल को सौंपी जाएगी। राहुल की मुहर लगते ही गठबंधन की औपचारिक घोषणा कर दी जाएगी। राहुल के निर्देशानुसार गठबंधन की औपचारिक घोषणा भी एआइसीसी के स्तर पर नहीं बल्कि प्रदेश स्तर पर शीला और चाको द्वारा ही की जाएगी। सूत्रों की मानें तो यह घोषणा नवरात्रों के दौरान की जा सकती है।
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