यूनिक समय ,नई दिल्ली। उत्तर भारत में फूफा लोग के नाराज हो जाने से बरातों के रंग में भंग पड़ जाने की बात बहुत सामान्य रही है लेकिन दक्षिण भारत के किसी घर में ये मामला पहला है। यहां फूफा हैं आंध्र प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पवन कल्याण और बरात निकल रही है उनके भतीजे अल्लू अर्जुन की। जी हां, अल्लू अर्जुन अगर अपने फूफा पवन कल्याण के सामने झुक गए होते तो उनके समर्थक कहते हैं कि नौबत गिरफ्तारी तक नहीं आती। उल्टे उन्होंने गुरुवार को दिल्ली जाकर नए सियासी गुल खिलाने की कोशिश की और मामला वहीं बिगड़ गया।
हैदराबाद के संध्या सिनेमाघर में फिल्म ‘पुष्पा 2’ की रिलीज की पूर्वसंध्या पर अभिनेता अल्लू अर्जुन अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ अचानक बिना पुलिस को किसी पूर्व सूचना के पहुंच गए। वहां उनकी इस फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग चल रही थी। अल्लू अर्जुन के साथ सैकड़ों प्रशंसकों को भीड़ सिनेमाघर में घुसी और इस भगदड़ में रेवती नामक उनकी प्रशंसक की मौत हो गई। रेवती के बेटे का इलाज जारी है। हैदराबाद में तेलंगाना की पुलिस काम करती है और सूबे के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की अल्लू और कोनिडेला फैमिली से लाग डपट पुरानी है।
लेकिन, इस लाग डपट के साथ साथ एक सियासी चक्कर अल्लू अर्जुन के अपने इस परिवार में ही चला आ रहा है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अल्लू अर्जुन ने अपने फूफा पवन कल्याण का समर्थन करने की बजाय उनके विरोधी दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की नेता शिल्पा रवि रेड्डी के साथ खड़े दिखाई दिए थे। अल्लू अर्जुन के खिलाफ एक मुकदमा तब भी कायम हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे गंभीरता से लिया नहीं। हालांकि, अपने फूफा पवन कल्याण की जीत पर अल्लू अर्जुन ने उन्हें बधाई देते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट किया था, लेकिन सूत्र बताते हैं कि नया मुकदमा दर्ज होने के बाद उन्होंने उनसे इस बारे में एक बार भी मदद नहीं मांगी। अल्लू को यकीन था कि हाईकोर्ट से ये मामला खारिज हो जाएगा। गौरतलब है कि अल्लू अर्जुन की बुआ सुरेखा की शादी पवन कल्याण के सगे भाई चिरंजीवी के साथ हुई है।
सूत्र ये भी बताते हैं कि पुलिस इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश आने का इंतजार कर लेती लेकिन गुरुवार को अल्लू अर्जुन ने दिल्ली जाने पर जिस तरह की सियासत के संकेत दिए उसने यहां तेलंगाना के सियासी नेताओं के कान खड़े खड़े कर दिए। अल्लू अर्जुन को भी अपनी गलती का एहसास हैदराबाद पहुंचने पर हो गया था और उनकी तरफ से इस बारे में बाकायदा स्पष्टीकरण भी जारी किया गया लेकिन तब तक तीर कमान से निकल चुका था।
बताते हैं कि दिल्ली में अल्लू अर्जुन की मुलाकात राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से फिल्म ‘पुष्पा 2’ के हिंदी संस्करण का प्रचार देखने वाली टीम के माध्यम से हुई। इससे पहले फिल्म का पहला प्रचार कार्यक्रम भी पटना में ही आयोजित किया गया था। प्रशांत किशोर की पार्टी बीते दिन हुए शिक्षक विधान परिषद चुनाव में हार भले गई हो लेकिन उनका उम्मीदवार इश चुनाव में एनडीए और इंडिया गठबंधनों से आगे रहा। अल्लू अर्जुन की तरफ से कल जारी बयान में कहा गया, “अल्लू अर्जुन के सियासत में आने की अफवाहें पूरी तरह असत्य और आधारहीन हैं। ऐसे किसी मामले में अल्लू अर्जुन की टीम के आधिकारिक बयान पर ही विश्वास करें।”
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