अमरनाथ यात्रा: बादल फटने से 16 लोगों की मौतें, 40 लापता, 15000 लोगों को सुरक्षित निकाला गया

अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास बादल फटने की घटना के बाद तबाही मची जिसमें 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबकि 40 लोग अभी भी मिसिंग हैं। सुरक्षाबलों ने हेलीकाप्टरों और अन्य उपायों की मदद से 15000 लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचा दिया है। जम्मू कश्मीर प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 4 हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। जहां लोगों को सारी जानकारियां दी जा रही हैं।

जो भी तीर्थयात्री कल शाम से पवित्र गुफा के पास फंसे थे, उन्हें सुरक्षित पंचतरणी पहुंचा दिया गया है। यह अमरनाथ यात्रा का बेस कैंप भी है। घायल 21 तीर्थयात्रियों को आज सुबह बालटाल के लिए एयरलिफ्ट किया गया है।
अभी तक 16 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि 40 मिसिंग बताए जा रहे हैं। भूस्खलन की ताजा घटना नहीं हुई है लेकिन लगातार बारिश हो रही है। इन हालातों में भी सेना व सुरक्षाबल के जवान रेस्क्यू आपरेशन चला रहे हैं। एनडीआरएफ की 4 टीमों में 100 लोग रेस्क्यू कार्य में लगे हैं। इसके अलावा भारतीय सेना, एसडीआरएफ, सीआरपीएफ की टीमें भी आपरेशन को अंजाम दे रही हैं।
चिनार कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस आहूजा ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया है। आईजी कश्मीर विजय कुमार और डिविजनल कमिश्नर ने भी रेस्क्यू आपरेशन को संभालने में मदद की है।
जो लोग बचाकर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाए गए हैं, उन्होने उस भयानक मंजर के बारे में बताया। कहा कि किस तरह सैलाब आने के बाद टेंट और कम्यूनिटी किचेन कीचड़ और पत्थरों से दब गए। लोगों ने बताया कि कुछ टेंट तो घटनास्थल से 2 किलोमीटर दूर तक बह गए हैं।
बादल फटने की घटना के 10 मिनट के भीतर ही 8 लोगों की मौतें हो गई थीं। पानी के साथ बड़ी संख्या में पत्थर भी बह रहे थे। अभी तक करीब 15000 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। एक तीर्थयात्री ने बताया कि भारी बारिश के बावजूद भी तीर्थयात्रियों का आना जारी है। लोग लाइन लगाकर रजिस्ट्रेशन कराते भी दिखे.
यूपी के हरदोई के रहने वाले एक तीर्थयात्री ने एजेंसी को बताया कि भगदड़ जैसी घटना वहां हो गई थी लेकिन आर्मी ने बहुत सपोर्ट किया है। भारी बारिश व सैलाब की वजह से की पंडाव बह गए। लोगों का सामान वगैरह सब कुछ पानी में बह गया।
आईटीबीपी के प्रवक्ता पीआरओ विवेक कुमार पांडेय ने बताया कि वहां लगातार बारिश हो रही है लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है। घटना को देखते हुए फिलहाल अमरनाथ यात्रा अस्थाई तौर पर रोक दी गई है। स्थिति की समीक्षा के बाद इस पर अगला निर्णय लिया जाएगा।

क्लाउड बर्स्ट की यह घटना शुक्रवार की शाम करीब 5 बजकर 30 मिनट पर घटी। इसकी वजह से वहां बाढ़ जैसे हालात बन गए और मौके पर 25 टेंट व 3 कम्यूनिटी किचेन बह गए। अधिकारियों ने बताया कि पवित्र गुफा के पास 2 घंटे के भीतर करीब 31 एमएम रेनफाल रिकार्ड किया गया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना में मारे गए लोगों के लिए दुख व्यक्त किया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने फोर्स को राहत व बचाव कार्य के आदेश दिए हैं। सेंट्रल फोर्सेस व जम्मू कश्मीर प्रशासन मिलकर रेस्क्यू आपरेशन चला रहा है। प्रशासन ने 4 हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए हैं।

2 साल के बाद बीते 30 जून को 43 दिवसीय अमरनाथ यात्रा शुरू हुई थी। यह यात्रा 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद बीच में ही रोक दी गई थी। इसके बाद 2020 व 21 में कोरोना महामारी की वजह से यात्रा नहीं हो पाई।

 

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