
यूनिक समय, नई दिल्ली। अमेरिका ने भारत और अन्य देशों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि वे अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक टैरिफ लगा रहे हैं, जिससे अमेरिकी व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। व्हाइट हाउस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 2 अप्रैल से रेसिप्रोकल टैरिफ (प्रतिवादी शुल्क) लागू किए जाएंगे, ताकि अमेरिकी व्यापारियों को समान अवसर मिल सके।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव, करोलिन लेविट ने बताया कि भारत, जापान और यूरोपीय संघ जैसे देशों ने अमेरिकी उत्पादों पर अत्यधिक टैरिफ लगाया है, जिनमें भारत पर अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 100 प्रतिशत शुल्क शामिल है। उनका कहना था कि इस शुल्क के कारण अमेरिकी उत्पादों का भारतीय बाजार में प्रवेश कठिन हो गया है।
इसके अलावा, लेविट ने यह भी उल्लेख किया कि यूरोपीय संघ अमेरिकी डेयरी उत्पादों पर 50 प्रतिशत, जापान अमेरिकी चावल पर 700 प्रतिशत और कनाडा अमेरिकी मक्खन और पनीर पर 300 प्रतिशत शुल्क लागू करता है। उनका दावा है कि इन उच्च टैरिफ की वजह से अमेरिकी व्यापारियों के लिए विदेशी बाजारों में प्रतिस्पर्धा करना कठिन हो रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ही घोषणा की थी कि 2 अप्रैल से एक नया टैरिफ प्लान लागू किया जाएगा, जो वैश्विक व्यापार नीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। ट्रंप का कहना था, “अब से कोई भी देश यदि अमेरिका पर शुल्क लगाएगा, तो हम भी उसी शुल्क को उस देश पर लागू करेंगे।”
अब देखना यह है कि इस फैसले का वैश्विक व्यापार पर क्या असर पड़ेगा और क्या इससे अन्य देशों के साथ अमेरिकी व्यापार संबंधों में कोई बड़ी चुनौती उत्पन्न होगी।
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