नई दिल्ली। रविवार को अमेरिका नौसेना के दो जंगी जहाज दक्षिण चीन सागर में बीजिंग के दावे वाले द्वीपों में घुसे। ये जंगी जहाज पार्सेल आईलैंड के करीब 12 नॉटिकल मील की दूरी पर थे। दो अमेरिकी अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी। चीन ने दावा किया है कि इस इलाके में दो अमेरिकी वॉरशिप देखे गए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका का यह कदम बीजिंग के उन कोशिशों का जवाब है जिसके अंतर्गत वो इस इलाके में जहाजों के ऑपरेशन को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि ‘नौसेना के जंगी जहाज पार्सेल आईलैंड के पास स्थित द्वीपों में घुसे और वहां खोजबीन और अभ्यास किया। इन जहाजों में हिगिन्स गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रोयर और गाइडेड मिसाइल क्रूजर तैनात की गई थी।’ हालांकि समुद्री आवागमन की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के लिए अमेरिका इससे पहले भी कई मौकों पर इस तरह की अभियानों के जरिए अपना विरोध करता है। उत्तर कोरिया से शिखर वार्ता के लिए चीन की मदद की जरूरत के बीच अमेरिकी नौसेना का यह कदम दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा सकता है। उल्लेखनीय है कि 12 जून को सिंगापुर में होने वाली ट्रंप-किम शिखर वार्ता से पहले ही ट्रंप ने उत्तर कोरियाई से बातचीत रद्द कर दी है।
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