पाकिस्तान में चुनावी नतीजे पर अमेरिका की प्रतिक्रिया

अमेरिकी सांसद क्रिस मर्फी ने बताया कि पकिस्तान की जनता ने पिछले हफ्ते ही अपनी इच्छा बता दी है। उन्होंने बताया कि वे स्वतंत्र प्रेस पर हमले और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध समेत अनियमितताओं और कथित हस्तक्षेप की खबरों से चिंतित हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ ने पाकिस्तान में पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी लोगों की इच्छा का सम्मान किए जाने की आवश्यकता है।

‘व्हाइट हाउस’ की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने मंगलवार को अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पाकिस्तान में चुनाव संबंधी घटनाक्रम से अवगत हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘राष्ट्रपति को इसकी जानकारी है। पिछले सप्ताह लाखों पाकिस्तानियों ने मतदान किया जिनमें रिकॉर्ड संख्या में महिलाएं, धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समूहों के सदस्य और युवा मतदाता थे।’

पियरे ने आगे कहा, ‘हमेंसमान विचारधारा वाले लोकतंत्रों के साथ खड़े होने पर गर्व है। हम पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी राजनीतिक हस्तियों से सार्वजनिक और निजी तौर पर स्पष्ट रूप से लगातार कहते रहे हैं कि पाकिस्तानी लोगों की इच्छा का सम्मान करना और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करना जरूरी है।’

अमेरिकी सांसद क्रिस मर्फी ने बताया कि पकिस्तान की जनता ने पिछले हफ्ते ही अपनी इच्छा बता दी है। उन्होंने कहा, ‘मैं स्वतंत्र प्रेस पर हमले और इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध समेत अनियमितताओं और कथित हस्तक्षेप की खबरों से चिंतित हूं और मैं इन आरोपों की गहन जांच करने के बाइडन प्रशासन के आह्वान का समर्थन करता हूं।’ अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन की उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने कहा कि रक्षा मंत्रालय पाकिस्तान की स्थिति पर नजर रखे हुए है।

पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने रविवार को अंतिम परिणाम की घोषणा की। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेतृत्व वाली निर्दलीय उम्मीदवारों ने 101 सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर संसद में तकनीकी रूप से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है।

वहीं, तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) 75 सीट जीतकर संसद में तकनीकी रूप से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। उनके अलावा मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) को 17 सीट मिली हैं। सरकार बनाने के लिए किसी पार्टी को प्रत्यक्ष मतदान से निर्वाचित 133 सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी।

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