यूनिक समय, नोएडा। सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के कुछ प्रोजेक्ट से जुड़े उन 1100 निवेशकों को नोटिस जारी किया है, जिन्होंने अब तक अपने दस्तावेजों का सत्यापन नहीं कराया है। यह नोटिस चेतावनी के साथ जारी किया गया है। अगर निवेशकों ने संजीदगी नहीं दिखाई तो फ्लैट से हाथ तक धोना पड़ सकता है।
नियमों के अनुसार, आम्रपाली के इन 1100 फ्लैट निवेशकों को अपने फ्लैट के डॉक्यूमेंट्स के साथ सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर के पास जाना होगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने पर ही उन्हें अनापत्ति प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके बाद ही फ्लैट पर कब्जा पाना संभव होगा। यहां पर निवेशकों को फ्लैट पर दावा करने के लिए उन सभी डॉक्यूमेंट्स को ले जाना होगा। इसका प्रूफ भी देना होगा कि उन पर फ्लैट का कोई बकाया भुगतान नहीं है। ऐसा करने के बाद ही उन्हें फ्लैट पाने की मंजूरी दी जाएगी।
आम्रपाली के 1100 फ्लैट खरीदारों अब जाना होगा अब कोर्ट रिसीवर के ऑफिस
बताया जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट के रिसीवर ने 1100 फ्लैट खरीदारों को यह अंतिम नोटिस जारी किया है। ऐसे में नोटिस को संज्ञान लेते हुए आम्रपाली के 1100 फ्लैट खरीदारों को अब कोर्ट रिसीवर यानी वरिष्ठ वकील आर. वेंकटरमणी के ऑफिस में जाना होगा। गौरतलब है कि परियोजनाओं में तैयार फ्लैट सेंचुरियन पार्क, ड्रीम वैली 1, लेजर वैली, प्लैटिनम, प्रिंसली एस्टेट, सफायर 1 और 2, सिलिकॉन सिटी 1 और 2 और जोडिएक के हैं।
यहां पर बता दें कि कुल 243 खरीदारों ने कोर्ट रिसीवर से एनओसी ले ली है, लेकिन अभी तक नए फ्लैट पर कब्जा नहीं किया है। फ्लैट धारकों को एनओसी पाने के लिए 15 अक्टूबर तक का समय दिया गया है।
वहीं, विफल रहने पर निवेशकों पर आगामी 30 दिनों तक 2,500 रुपये का दैनिक जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, अगर 30 दिन की समय सीमा खत्म होने पर निवेशक ने रुचि नहीं ली तो फ्लैट रद तक किया जा सकता है।
यहां पर बता दें कि आम्रपाली के प्रबंधन से जुड़े कई अधिकारी जेल में बंद है। उन्हें अनियमितता के आरोप में कोर्ट के आदेश पर जेल भेजा गया है।
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