बाघ एक्सप्रेस में सफर कर रहे सेना के जवान की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। उसका शव काठगोदाम रेलवे स्टेशन पर खड़ी बाघ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में पड़ा मिला। वह छुट्टियां बिताकर बरेली ड्यूटी पर जा रहा था। जीआरपी ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है। मौत के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
मूल रूप से ग्राम बिरौली, तहसील अनूप शहर जिला बुलंदशहर (यूपी) के रहने वाले 45 वर्षीय विनय कुमार पुत्र चतर सिंह सेना की सात रेजीमेंट बरेली में नायक के पद पर तैनात थे। 19 सितंबर को वह अपने घर गए थे।
उनका अवकाश आठ अक्तूबर तक था। मंगलवार दोपहर विनय बुलंदशहर से बाघ एक्सप्रेस के दिव्यांग कोच में सवार होकर बरेली के लिए निकले। बुधवार सुबह बाघ एक्सप्रेस के काठगोदाम पहुंचने पर एक-एक कर यात्री उतरने लगे।
गोद में रखे पिट्ठू बैग में सिर रखकर सोते मिला था जवान
यात्रियों के उतरने के बाद जब जीआरपी और आरपीएफ ने ट्रेन के कोच की जांच पड़ताल की तो विनय गोद में रखे पिट्ठू बैग में सिर रखकर सोते मिले। उन्हें जगाने की कोशिश की गई मगर जवाब नहीं मिला। गौर से देखने पर पता चला कि उनकी सांसें थम चुकीं थीं।
जीआरपी थाना प्रभारी अशोक कुमार ने बताया कि विनय की जेब से बुलंदशहर से बरेली तक का ट्रेन का टिकट मिला है। प्रथम दृष्टया मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। विनय के परिवार में पत्नी लोकेंद्र देवी और दो बेटे हैं। उनके छोटे भाई अशोक कुमार भी राजपूताना राइफल अमृतसर में नायक के पद पर तैनात हैं।
ये सामान मिला
कमीज की जेब में 15 और पिट्ठू बैग की जेब में 500 रुपये, मोबाइल, बच्चों की स्कूल की फीस के कागज, एक ब्लैंक चेक, वर्दी, छुट्टी का प्रमाणपत्र और एक थैली में कचौड़ी।
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