एशियन पेंट्स के सह-संस्थापक अश्विनी दानी का 79 साल की उम्र में निधन

एशियन पेंट्स के सह-संस्थापक अश्विन दानी का निधन गुरुवार को हो गया। 28 सितंबर को अश्विन दानी ने 79 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। कंपनी के गैर कार्यकारी निदेशक के रूप में काम करने वाले दानी परिवार की दूसरी पीढ़ी के थे। पेंट्स की दुनिया में कलर क्रांति का श्रेय दानी को ही जाता है।

अश्विन दानी की लीडरशिप

60 के दशक में अश्विन दानी ने पारिवारिक कंपनी एशियन पेंट्स में करियर की यात्रा शुरू की। साल 1968 में वह कंपनी के सीनियर एक्जीक्यूटिव के रूप में ज्वाइन किए। इसके कुछ सालों बाद कंपनी की कमान उनको सौंप दी गई। अश्विन दानी की लीडरशिप और नेतृत्व में एशियन पेंट्स ग्रुप ने कारोबार को 21700 करोड़ रुपये पहुंचाने के साथ इसे देश का सबसे बड़ा पेंट मैन्युफैक्चरर कंपनी बनाया। फोर्ब्स के अनुसार, 2023 तक अश्विन दानी की कुल संपत्ति लगभग 7.1 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।

 

अश्विन दानी का जन्म 26 सितंबर 1944 को हुआ था। 1966 में दानी ने मुंबई विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद वह एक्रोन विश्वविद्यालय में मास्टर्स करने पहुंचे। यहां से उन्होंने केमिकल इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री हासिल की। इसके बाद वह यूएस चले गए। डेट्रॉइट में एक रसायनज्ञ के रूप में अपना करियर शुरू किया।1968 में 1968 में पारिवारिक बिजनेस में शामिल हो गए और एशियन पेंट्स के सीनियर एक्जीक्यूटिव के रूप में काम शुरू किया।

अश्विनी दानी ने पेंट्स व्यवसाय की दुनिया में टेक्नोलॉजी को उतारा। कंप्यूटर से कलर कंबिनेशन या कई तरह के रंगों को मिलाकर एक नए यूनिक कलर का निर्माण होने लगा। घर-घर एशियन पेंट्स को पहुंचाया। उनका ही देन है कि कंप्यूटराइज्ड कलर कंबिनेशन से मनचाहा रंग बनाने के तरीके का इस्तेमाल प्रिंटिंग कलर और कपड़ा उद्योग में भी क्रांति आई। दानी को दुनिया, एपकोलाइट नेचुरल वुड फिनिश, लकड़ी की सतहों के लिए नायाब फिनिशिंग सिस्टम और ऑटोमोटिव रिफिनिशिंग सिस्टम के लिए भी जाना जाता है। यह एक तेजी से सूखने वाला एल्केड इनेमल है, जो ऑटोमोबाइल आफ्टरमार्केट सेगमेंट में व्यापक रूप से अपनाया जाता है।

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