यूनिक समय, मथुरा। वैसे तो समुद्र से अनेकों रत्न या फिर कहें कि सैकड़ों प्रकार के रंग बिरंगे पत्थर पाए जाते हैं। इसमें कुछ प्रख्यात हैं तो कुछ के नाम तो दे दिए गए हैं लेकिन वे इतने प्रचलन में नहीं हैं। समुद्र में मुख्यत: मोती और मूंगा बहुतायत में पाए जाते हैं। इसमें एक महत्वपूर्ण रत्न मूंगा भी है , जो एक चमत्कारिक नग भी है। असली और प्रभावयुक्त मूंगा पहनने से व्यक्ति हमेशा साहस से लबरेज रहता है। मंगल के रत्न मूंगा को ऊर्जा का प्रतीक बताते हैं, जिसके पहनने से आत्मविश्वास, साहस और बल में वृद्धि होती है। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इसमें कोई शक नहीं कि मूंगा आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है, लेकिन हर किसी को मूंगा पहनना महंगा भी पड़ सकता है। मंगल राशि के लोगों को मूंगा पहनने की सलाह दी जाती है।
साहस के लिए मूंगा
मूंगा मंगल का रत्न है। बता दें मंगल साहस, बल, ऊर्जा का कारक है। दूसरी ओर यदि आप मूंगा धारण करना चाहते हैं तो मूंगे की सही परख करने के लिए मूंगे पर एक बूंद पानी की टपकाएं, फिर देखें पानी रुकेगा नहीं। अगर पानी उस पर रुक जाए तो वह असली मूंगा नहीं होता। पुखराज, मोती, माणिक के साथ पहन सकते हैं।
महंगा भी पड़ सकता है मूंगा धारण करना
इसमें कोई शक नहीं कि सुंदर रत्न मूंगा आत्मविश्वास और साहस बढ़ाता है, लेकिन हर किसी को मूंगा पहनना महंगा भी पड़ सकता है। बिना जन्म पत्रिका दिखाए मूंगा पहना जाए तो इससे दुर्घटना भी हो सकती है।
बिना किसी से परामर्श किए मूंगा धारन करना काफी समस्या खड़ी कर सकता है। इसमें जातक की जान तक पर बन सकती है, स्त्री को विधवा तक बना सकता है, पारिवारिक कलह, कुटुंब से मनमुटाव और वाणी में दोष भी उत्पन्न करता है। भले वाणी साथ हो, लेकिन कटु वचन से सब कुछ बिगड़ जाता है। शनि और मंगल की युति कहीं भी हो तो मूंगा नहीं पहनना चाहिए।
मंगल भूमि, मकान, भवन-निर्माण से संबंधित, पुलिस, सेना, प्रशासन क्षमता का कारक होता है। ये युद्धोन्यादि का भी कारक है। अत: आप जब भी मूंगा पहनें किसी योग्य व्यक्ति से परामर्श लेकर ही शुभ मुहूर्त में बनवाकर शुभ मुहूर्त में धारण करें।
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