गजब जिंदादिली : परिवार का हर सदस्य पॉजीटिव, उनकी एक जिद से घर में कोरोना को हराया

पानीपत (हरियाणा)। देश इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहा है। हर तरफ खामोशी छाई हुई है। लेकिन महामारी के खिलाफ चल रही यह जंग निराश होकर नहीं जीती जा सकती। इसे हराने के लिए दवा के साथ-साथ हिम्मत-जज्बा और पॉजिटिव सोच की जरुरत है। जिसके बल पर हमें से आसानी से हरा सकते हैं। कुछ ऐसा ही कमाल कर दिखाया है, जो दूसरों के लिए बहुत कुछ सीख देने वाली है। इस परिवार का हर सदस्य संक्रमित हो चुका था। लेकिन उन्होंनेअपना जज्बा-जुनून नहीं खोया, बल्कि इस महामारी का मुस्कुराते हुए डटकर सामना किया। ना ही डरकर अस्पताल गए, सभी होम आइसोलेशन में रहे और कोरोना को हरा दिया।

आलम यह हो गया था कि घर में कोई खाना बनाने वाला भी नहीं बचा था। हम लोग सभी अलग-अलग कमरे में रहने चले गए, सभी कमरों की खिलड़खियां खुली रखीं, ताकि हवा आ सके। मोबाइल पर सभी आपस में बात और हंसी मजाक करते रहते। हम लोगों को कभी ऐसा नहीं लगा कि हमको कोरोना ने घेर रखा है। कभी किसी ने इस टॉपिक पर बात तक नहीं की। बस चुटकुले, पुस्तकें और फिल्में देखकर पूरा समय खुशी-खुशी कट गया।

दरअसल, पानीपत में रहने वाले सीए अनिल खुराना की पत्नी गरिमा, दोनों बेटियां ऋतिका व क्षितिजा के साथ ही बेटा अग्रिम संक्रमित हो गए थे। अनिल खुराना ने बताया कि 30 मार्च को मुझे अचानक से खांसी चलने लगी और फिर बुखार आ गया। जांच कराई कोरोना पॉजिटिव निकला। इसके बाद पत्नी और बेटे भी संक्रमित हो गए। एक दो दिन बाद दोनों बेटियां इसकी चपेट में आ गईं। सिर्फ घर में हमारी 80 साल की मां कांतारानी कोरोना से बच गईं। क्योंकि उन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली थी। आलम यह हो गया था कि घर में कोई खाना बनाने वाला भी नहीं बचा था। हम लोग सभी अलग-अलग कमरे में रहने चले गए, सभी कमरों की खिलड़खियां खुली रखीं, ताकि हवा आ सके। मोबाइल पर सभी आपस में बात और हंसी मजाक करते रहते। हम लोगों को कभी ऐसा नहीं लगा कि हमको कोरोना ने घेर रखा है। कभी किसी ने इस टॉपिक पर बात तक नहीं की। बस चुटकुले, पुस्तकें और फिल्में देखकर पूरा समय खुशी-खुशी कट गया।<

अनिल खुराना ने बताया की हमारे संकट के समय दोस्तों व रिश्तेदारों ने हर तरह से मदद की। अब हमारे परिवार के सभी सदस्यों कि रिपोर्ट निगेटिव आई है। सभी लोग पूर्ण रुप से ठीक हैं। उन्होंने बताया कि आपको अगर गलती से कोरोना हो जाए तो डरिए नहीं, ऐसा समझिए कि आपको सिर्फ बुखार आया हुआ है। मस्त रहें और खुश रहें। डॉक्टर से टच में रहकर प्रॉपर तरीके से दवा के साथ योगा-प्राणायाम कीजिए। जल्द ही आप बिना अस्पताल में रहकर घर में ठीक हो जाएंगे। बता दें कि अब खुराना परिवार के सभी सदस्य प्लाज्मा डोनेट करने की तैयारी कर रहे हैं। वह कहते हैं कि हमको ईश्वर ने बचाया है तो हम दूसरों की जिंदगी बचाएंगे। उन्होंने कहा कि धैर्य और पॉजिटिव माइंड से हर मुश्किल आसान हो जाती है।

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