मथुरा। आज बैकुंठ चतुर्दशी है. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चतुर्दशीमनाई जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. यह भी माना जाता है कि भगवान विष्णु चातुर्मास (आषाढ़ शुक्ल एकादशी से प्रारंभ होकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक) तक सृष्टि का सम्पूर्ण कार्यभार भगवान शिव को देकर विश्राम करते हैं. जब देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं तो सभी देवी-देवता इसकी ख़ुशी में देव दिवाली मनाते हैं. भगवान शिव बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही भगवान विष्णु को सृष्टि का कार्यभाग दोबारा सौंपते हैं.
बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान की कृपा पानी के लिए भक्त दिन भर उपवास रखते हैं और भगवान शिव और भगवान विष्णु की आराधना करते हैं. पूअज करते समय भगवान विष्णु को जल (पवित्र पानी) में केसर और चंदन मिलाकर स्नान कराएं. इसके बाद चंदन, पीले वस्त्र, पीले फूल उनपर अर्पित करें.
पूजा के लिए पढ़ें ये मंत्र:
शिव भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंत्र:
वन्दे महेशं सुरसिद्धसेवितं भक्तै: सदा पूजितपादपद्ममम्।
ब्रह्मेन्द्रविष्णुप्रमुखैश्च वन्दितं ध्यायेत्सदा कामदुधं प्रसन्नम्।।
विष्णु भगवान को प्रसन्न करने के लिए मंत्र:
1. पद्मनाभोरविन्दाक्ष: पद्मगर्भ: शरीरभूत्। महर्द्धिऋद्धो वृद्धात्मा महाक्षो गरुडध्वज:।।
अतुल: शरभो भीम: समयज्ञो हविर्हरि:। सर्वलक्षणलक्षण्यो लक्ष्मीवान् समितिञ्जय:।।
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