गाजियाबाद
गाजियाबाद जिले की मसूरी पुलिस ने बैंक और फाइनैंस कंपनी के कर्मचारियों से मिलीभगत करके फर्जी पेपर पर लोन लेकर बैंक और दूसरे लोगों को करोड़ों का चूना लगाने वाले एक दंपती को गिरफ्तार किया है। एसपी देहात ईरज राजा ने बताया कि एंटी फ्रॉड सेल की जांच के बाद थाने में नवंबर 2020 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें बैंक लोन के बाद प्रॉपर्टी दूसरे व्यक्ति को बेचकर फिर उसी प्रॉपर्टी पर दूसरे बैंक से लोन करवाया गया था।
कुल मिलाकर यह फ्रॉड करीब 7 करोड़ रुपये का था। इस मामले में राजनगर एक्सटेंशन की केडब्ल्यू सृष्टि सोसायटी में रहने वाले इंद्रजीत सिंह और उसकी पत्नी को बुधवार को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही लोन में मदद करवाने वाले डीएचएफएल के असिस्टेंट मैनेजर अनिल की भी तलाश पुलिस कर रही है। पुलिस गिरफ्तार दंपती की सभी प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी कर रही है।
असिस्टेंट मैनेजर की मदद से किया लोन का खेल
इंद्रजीत ने गाजियाबाद में एक नहीं, बल्कि कई लोन फ्रॉड किए हैं। पुलिस के अनुसार, मसूरी में उसने एक प्रॉपर्टी पर एीएनबी से करीब 3 करोड़ 52 लाख रुपये का लोन लिया था। इस लोन की उसने किश्त भी नहीं भरी। कुछ दिन बाद उसने यह प्रॉपर्टी फर्जी पेपर के आधार पर 2018 में इंदिरापुरम की रहने वाली संजू सिंह को 2 करोड़ रुपये में बेच दी। इसके बाद इसी प्रॉपर्टी पर निर्माण के नाम पर उसने डीएचएफएल के नोएडा सेक्टर-2 ब्रांच से करीब डेढ़ करोड़ रुपये का लोन ले लिया। इस लोन के लिए उसने डीएचएफएल नोएडा सेक्टर-2 ब्रांच के असिस्टेंट मैनेजर अनिल से मिलीभगत की थी। वहीं संजू सिंह को इस फर्जीवाड़े का पता तब चला जब पीएनबी ने प्रॉपर्टी पर रिकवरी का नोटिस चस्पा कर दिया।
दूसरे की प्रॉपर्टी पर ले लिया 3 करोड़ का लोन
दपंती ने मसूरी के अलावा कविनगर थाना क्षेत्र के गोविंदपुरम में भी दूसरे की प्रॉपर्टी को अपना बताकर उस पर 3 करोड़ रुपये का लोन ले लिया। इस मामले में दिसंबर 2019 में प्रॉपर्टी की मालिक शिखा गोयल की तरफ से दोनों पर मुकदमा दर्ज करवाया गया था। दोनों ने गोविंदपुरम की प्रॉपर्टी जिस पर 14 फ्लैट बने थे। उसकी जमीन को गारंटी के रूप में दिखाकर यह लोन पीएनबी की चंद्रनगर ब्रांच से लिया था।
बैंक कर्मचारियों की मदद से हुआ फ्रॉड
एसपी देहात ने बताया कि मसूरी मामले में डीएचएफएल के असिस्टेंट मैनेजर का नाम सामने आ चुका है। बैंक के कर्मचारी ने लोन दिलवाने में मदद की थी। इस दौरान फर्जी पेपर होने के बाद भी बिना किसी प्रॉपर जांच या फर्जी रिपोर्ट के आधार यह लोन हुआ। दोनों का साथ देने वाले अन्य बैंककर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। जल्द ही उन पर कार्रवाई होगी। आरोपितों की प्रॉपर्टी के बारे में जानकारी की जा रही है।
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