वृंदावन बांकेबिहारी मंदिर: प्राचीन मंदिरों से नहीं होगी छेड़छाड़, 110 भवन चिन्हित

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ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में भीड़ को देखते हुए फैसला लिया गया है। बांकेबिहारी मंदिर क्षेत्र में दूसरे दिन भी प्रशासनिक टीम ने किया सर्वे। 317 भवन आएंगे गलियारे के दायरे में। नए गेस्ट हाउस टूटने की जद में होंगे।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रस्तावित गलियारे के लिए बुधवार को दूसरे दिन भी चिन्हांकन काम किया गया। अब तक 110 भवन चिन्हिंत किए गए हैं। पांच एकड़ में प्रस्तावित गलियारे के दायरे में आने वाले भवनों की संख्या बढ़कर 317 हो गई है। मंदिर के चारों ओर टीम ने दूसरे दिन भी 25-25 मीटर के दायरे को मापते हुए चिन्हांकन किया

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देख गलियारा बनाने की कवायद ने तेजी पकड़ ली है। डीएम की ओर से गठित आठ सदस्यीय टीम ने मंदिर के आसपास के क्षेत्र का चिन्हांकन कर भवनों पर निशान लगाए। मंदिर के चारों ओर बसावट में 25 मीटर का दायरा शामिल किया गया है। बुधवार को विकास प्राधिकरण, लोक निर्माण विभाग, नगर निगम के इंजीनियरों ने राजस्व विभाग के अधिकारियों व लेखपालों की मदद से चिन्हांकन प्रक्रिया जारी रखी। इस दौरान भवनों पर निशान लगाकर ध्वस्तीकरण की दूरी को चिन्हित किया।

ये होगा पूरा रास्ता

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर के प्रस्तावित गलियारा पांच एकड़ भूमि पर बनाने की कवायद शुरू हुई है। जरूरत के मुताबिक इसका दायरा बढ़ाया भी जा सकता है।

मंदिर गलियारे की शुरुआत जुगलघाट से सड़क चौड़ीकरण के साथ होगी। जुगलघाट से जंगलकट्टी, राधावल्लभ मंदिर की सीढ़ियों के सामने से होकर पुलिस चौकी के सामने वाली गली तक दोनों ओर 15-15 मीटर सड़क चौड़ीकरण होगा। लेकिन, इसके लिए राधावल्लभ मंदिर की सीढ़ियों से छेड़छाड़ नहीं होगी। बल्कि दूसरी ओर रास्ते को बढ़ाया जाएगा।

पुलिस चौकी के सामने दो नंबर गली का भी चौड़ीकरण होगा। यहां दोनों ओर से 15-15 मीटर का दायरा तय किया गया है। इसके अलावा मंदिर को केंद्र में रखकर चारों ओर से 25-25 मीटर के दायरे का चौड़ीकरण कर गलियारा बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके अलावा विद्यापीठ चौराहा पर मंदिर की ओर आने वाले रास्ते पर विशाल प्रवेशद्वार बनाया जाना भी प्रस्तावित है। गलियारा के दायरे में कुल 317 भवन शामिल हैं।

ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर गलियारा के क्षेत्र में आ रहे प्राचीन मदनमोहन मंदिर, अष्टसखी मंदिर समेत प्राचीन महत्व वाले मंदिरों से छेड़छाड़ नहीं होगी। जबकि नए मंदिर, भवन, गेस्टहाउसों को ध्वस्त करने की योजना शामिल है

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