कोरोना काल के बीच गोंडा में सोमवार को एक अनोखी बारात निकली, जिसमें बाराती सिर्फ दूल्हे के पिता रहे। घराती के तौर पर दुल्हन के भाई और मां शामिल हुई, जिन्होंने पूरी जिम्मेदारी संभाली। यह शादी मां दुर्गा मंदिर में पुजारी अजय कुमार ने विधि-विधान से शादी संपन्न कराई।
खास बात यह रही कि शादी में एक रुपया भी दहेज नहीं लिया गया। भगवानदत्त बतौर बाराती अपने बेटे मोनू के साथ सोमवार शाम मां दुर्गा मंदिर पहुंचे। यहां दुल्हन रेशमी अपनी मां कृष्णावती और भाई सुनील के साथ पहले ही पहुंच गई थी। मोनू और रेशमी ने एक दूसरे को वरमाला पहनाई और जनम-जनम के बंधन में बंध गए।
गोंडा के ढोढ़िया पारा के रहने वाले भगवानदत्त के बेटे की शादी काफी पहले गांव सहिबापुर की रहने वाली रेशमी चौहान से तय हो गई थी। भगवानदत्त के करीबी अचलपुर गांव निवासी राजगीर बहादुर चौहान ने यह शादी तय कराई थी।
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