सावधान: मोदी सरकार अब ला रही सबसे खतरनाक बिल, पता चल जाएगा कि आपके फोन में क्या-क्या है

मोदी सरकार जल्द ही राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए पर्सनल डेटा में भी सेंध लगाने के लिए नया कानून लेकर आ रही है।

इंटरनेट समेत किसी भी प्रकार के डिजिटल मीडियम का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को जरा सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि अगर अब किसी के फोन में कुछ भी गलत डेटा मिला तो उसकी खैर नहीं। जी हां, क्येांकि जल्द ही सरकार देश की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, कानून व्यवस्था के सुचारू संचालन और विदेशों के साथ मित्रवत संबंध सुनिश्चित करने के लिए आपके पर्सनल डेटा की जानकारी लेने वाली है। इसके लिए सरकार पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल में जांच एजेंसियों को यह अधिकार देने का प्रावधान किया गया है। इस प्रावधान से सरकार यह पता रहेगा कि किस व्यक्ति के फोन में किस तरह का डेटा रखा हुआ है।

आपको बता दें कि मोदी सरकार द्वारा पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 इसी हफ्ते लोकसभा में पेश किया जा सकता है। सरकार इस बिल के जरिए भारतीय नागरिकों के डिजिटल इन्फोर्मेशन के प्रबंधन और कानूनी संरक्षण के लिए देश का पहला कानून लाने जा रही है। विधेयक को 3 अलग-अलग समूहों में बांट गया है।

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पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल डेटा को तीन बड़ी श्रेणियों में बांटा गया है जो इस प्रकार है- पर्सनल, सेंसिटिव पर्सनल और क्रिटिकल पर्सनल। सरकार बिल के जरिए किसी खास जरूरत पर नागरिकों के तीनों श्रेणियों के पर्सनल डेटा तक बिना किसी रोकटोक के अपनी पहुंच बनाने का रास्ता साफ कर रही है। विधेयक के प्रावधान के मुताबिक, सरकार किसी भी इंटरनेट प्रवाइडर या सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म (मसलन गूगल, ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप, ऐमजॉन, फ्लिपकार्ट, ऐपल) को किसी भी केंद्रीय जांच एजेंसी से किसी का पर्सनल डेटा साझा करने का आदेश दे सकती है। हां, किसी प्राइवेट सिटिजन से पर्सनल डेटा की मांग नहीं की जा सकती।

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