
दिल्ली। भोपाल में पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान कमलनाथ सरकार पर ज़ोरदार तरीके से गरजे। शिवराज ने आदिवासियों की समस्याओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया। शिवराज गरज ही रहे थे कि सीएम कमलनाथ ने उन्हें बातचीत के लिए बुलावा भेज दिया। शिवराज ने भी देर नहीं की, कार्यक्रम बीच में छोड़कर सीएम से मिलने मंत्रालय रवाना हो गए।
आदिवासियों की समस्याओं से सरकार को वाक़िफ कराने के लिए आज भोपाल में धरना प्रदर्शन हुआ. इसके अगुआ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान थे. शिवराज रवाना हो ही रहे थे कि उनके मार्च को पुलिस ने बीच रास्ते में रोक दिया. बस वो गुस्से में भर गए. उन्होंने अपनी बात की शुरुआत ही कुछ इस तरह से की, कि सरकार ने अगर आदिवासियों की जमीन को हाथ लगाया तो हम छोड़ेंगे नही. लोग कह रहे हैं कि मामा तो गियो, अरे मामा कहीं नहीं जाएगा.
शिवराज की ललकार
शिवराज सिंह बोले- ए अफ़सरों तुम वल्लभ भवन के गलियारों में लोगों को लूट रहे हो. नोटों के बोरे भर रहे हैं. बल्लभ भवन में धंधा चल रहा है. कमलनाथ तुम संभल जाओ- मैं छोडूंगा नहीं. ये जुर्म की पराकाष्ठा है. शिवराज आगे बोले- सुन लो कमलनाथ सरकार, ये कैसी सरकार है. ये कैसा प्रशासन है. अगर हम आदिवासियों के हित में तीर कमान हाथ में उठाएंगे तो ज़िम्मेदारी तुम्हारी होगी. जीना है अपने हक़ में लड़ना सीखो. इनकी लड़ाई में लड़ूंगा.
‘गाड़ियों में जाओगे तो खटिया पर लेट कर आओगे’
शिवराज ने कहा जब तक हमारी मांग पूरी नहीं होगी, हम यहीं डटे रहेंगे. उन्होंने अधिकारियों को सीधे धमकी दी कि अगर काम नहीं किया तो आदिवासी सीधे कार्रवाई करेंगे. गाड़ियों में जाओगे तो खटिया पर लेट कर आओगे.
कमलनाथ सरकार पर शिवराज अपना गुस्सा निकाल ही रहे थे कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज को बातचीत के लिए बुला भेजा. शिवराज भी मौका गंवाए बिना सीएम से मिलने मंत्रालय रवाना हो गए.
बेटे ने संभाला मोर्चा
शिवराज जैसे ही कार्यक्रम से रवाना हुए, फौरन उनके बेटे कार्तिकेय ने मोर्चा संभाल लिया. आदिवासियों को संबोधित करते हुए कार्तिकेय बोले- आपके अधिकार के लिए मैं भगवान से भी लड़ लूंगा.
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