कुख्यात विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद से ही उसके कई ऑडियो, वीडियो और व्हाट्सएप चैट वायरल होने लगे। हाल में एक और ऑडियो वायरल हुआ। यह कथित विकास दुबे और भाजपा नेता सुबोध तिवारी के बीच बातचीत का कहा जा रहा है। सुबोध तिवारी ने बताया कि पूर्व डीआईजी अनंतदेव के कहने पर ही कथित विकास दुबे से बात की गई थी। रिकॉर्डिंग्स केवल एसटीएफ को दी गई थी। तब बड़ा सवाल यह है आखिर कौन किसको बचाने के लिए ऑडियो और चैट वायरल कर रहा है।
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सुबोध ने बताया कि 2 जुलाई को बिकरू कांड के बाद 4 जुलाई को उनके मौसेरे भाई के पास अज्ञात नम्बर से मैसेज आया। इसमें मदद की बात कही गई। साथ ही सुबोध तिवारी का नम्बर उनसे मांगा गया। उसके बाद गुड्डन तिवारी की फोटो मौसेरे भाई को भेजी गई और कहा गया कि पहचाना नहीं। सुबोध के मौसेरे भाई ने नम्बर नहीं दिया लेकिन कॉल करने वाले ने उनका नम्बर पता कर लिया और उन्हें भी मदद का मैसेज किया। मैसेज आने के साथ ही सुबोध ने एसएसपी दिनेश कुमार पी और आईजी मोहित अग्रवाल को जानकारी दी। उनके पास 4 जुलाई की शाम को ही डीआईजी एसटीएफ अनंतदेव की कॉल पहुंची। उन्होंने पूरी चैट के बारे में जानकारी ली। साथ ही सुबोध से कहा कि वह चैटिंग के दौरान वार्ता जारी रखे। उसके बाद 5 जुलाई की रात तक सुबोध कथित विकास से बात व्हाट्स एप कॉल और चैटिंग के माध्यम से करते रहे।
प्रयागराज और वाराणसी सीओ एसटीएफ को भी लगाया गया
बात करने वाले कथित विकास ने सुबोध से 20 लाख रुपए, वकील का सूट मंगाया। उसने पहले कहा कि उसे वाराणसी भिजवा दिया जाए। इस पर सुबोध ने अधिकारियों के कहने पर उसे नौ लाख रुपए दिए जाने की बात कही। साथ ही वाराणसी माल पहुंचाने को भी राजी हो गए। इसके बाद अनंतदेव ने वाराणसी एसटीएफ एसपी को निर्देश दिए कि कानपुर नम्बर प्लेट से एक गाड़ी बताए गए स्थान पर पार्क करा दी जाए। वह जब वहां पहुंचे तो उसे दबोचा जाए। उसके बाद सुबोध से बात करने वाले ने प्लान बदल दिया और उन्हें फतेहपुर बुला लिया। इस पर पूर्व डीआईजी एसटीएफ ने प्रयागराज सीओ एसटीएफ को प्लान कराने के लिए निर्देशित किया। इन दोनों की कॉल रिकॉर्डिंग भी सुबोध तिवारी के पास मौजूद है।
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एसटीएफ से कैसे लीक हुआ
5 जुलाई को की देर शाम एसटीएफ अधिकारियों ने कॉल करने वाले को कोई फ्रॉड घोषित कर दिया। यह जानकारी नहीं जुटाई की कॉल कौन कर रहा था। इधर, सुबोध तिवारी ने जितनी भी रिकॉर्डिंग और चैट थी उसकी कॉपी एसटीएफ के अधिकारियों को सौंप दी थी।
कैसे हो गया वायरल
अब सुबोध को विकास का गुर्गा बताया जा रहा है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब इस संवेदनशील काम के लिए सुबोध तिवारी से मदद ली गई थी तो फिर एसटीएफ में सेंधमारी करके यह ऑडियो कैसे वायरल हो गया। वह भी तब जब एसटीएफ प्रदेश की सबसे ताकतवर एजेंसी मानी जाती है। बड़ा सवाल यह है कि आखिर कौन ऑडियो वीडियो वायरल कर किसको बचाने की कोशिश कर रहा है।
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