यूनिक समय ,नई दिल्ली। बूथ लूट, बूथ कैप्चरिंग, मतपत्र पर मुहर लगाने के लिए एक जमाने में चर्चित रहे बिहार से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आयी है। बिहार में एक चुनाव अब भी चल रहा है- पैक्स का। इसमें अजूबा खबर सामने आ रही है। जितना मतदान हुआ, उससे ज्यादा मतपत्र निकल आए हैं। गिनती बार-बार की गई, लेकिन ज्यादा मतपत्र ज्यादा ही रहा। आखिरकार छंटनी हुई तो पता चला कि 118 मतपत्र अलग तरह की छपाई वाले थे। यह कारनामा बिहार के पूर्वी चंपारण में हुआ है।
पहले चरण में 38 जिलों के 137 प्रखंड के 1550 पैक्सों के लिए वोटिंग हुई। इसमें 58.33 प्रतिशत मतदान हुआ। 2709957 मतदाताओं ने मतदान किया था। इनमें सबसे अधिक पटना जिले के आठ प्रखंडों के 78 पैक्स में वोटिंग हुई। पहले चरण में सबसे कम तीन प्रखंड के 13 पैक्स चुनाव के लिए मतदान हुए थे। बता दें कि पांच चरणों में हो रहे 6289 पैक्सों के लिए मतदान होगा। चुनाव में कुल 61 हजार प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं। इनके लिए एक करोड़ 20 लाख करेंगे। इसके लिए 19 825 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
पूर्वी चंपारण में रामगढ़वा के बेला पैक्स में मतगणना के दौरान फर्जी मतपत्र मिलने से प्रशासनिक महकमे मे हड़कंप मच गया। चुनाव के दौरान 1134 मतदाताओं ने अपना मतदान किया था, लेकिन मतगणना के दौरान अध्यक्ष पद का 1252 मतपत्र पाया गया। इसकी शिकायत के बाद यहां का चुनाव परिणाम रोक लिया गया है। रामगढ़वा के गणेश महावीर उच्च विद्यालय में मतगणना के दौरान एक पक्ष ने निर्वाचन पदाधिकारी को शिकायत दर्ज कराई कि बेला पंचायत मे कुल मतदान 1134 हुआ है, जबकि मतपत्रों की संख्या ज्यादा है। इसकी शिकायत के आलोक में निर्वाचन पदाधिकारी ने जांच की तो मामला सही पाया गया। यहां मतपत्र के एक ही क्रम संख्या पर दो बैलेट पाए गए।
यहां फर्जी 118 मतपत्र निकले हैं। सवाल उठ रहा है कि फर्जी मतपत्र कैसे तैयार हुए और मतपेटियों में कैसे पहुँच गए? प्रखण्ड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ राकेश कुमार सिंह ने मतपत्रों की जाँच की तो पता चला कि कुछ मतपत्र ऐसे थे, जिसे निर्वाचन कार्यालय से निर्गत ही नहीं किया गया है। वे सभी फर्जी हैं। उन्होंने कहा बताया कि वरीय पदाधिकारियों के मार्गदर्शन के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा। यह मामला डीएम के संज्ञान में चला गया है। डीएम इस मामले की यहां आकर जांच कर सकते हैं।
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