जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। मुदासिर ने असाधारण वीरता के साथ आतंकियों से लड़ते हुए मारे गए थे। बारामूला में एंटी-टेररिस्ट ऑपरेशन में मुदासिर ने बेजोड़ साहस दिखाया। इस एनकाउंटर में तीन आतंकी मार गिराए गए थे। मुदासिर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है। बेहद मिलनसार मुदासिर को कश्मीरी आवाम बिंदास भाईजान के नाम से पुकारती थी। आतंकियों द्वारा मारे जाने के बाद पूरा क्षेत्र रो पड़ा था।
25 मई 2022 का दिन था। सुरक्षा बलों को बारामूला में आतंकवादियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी। इनपुट के अनुसार ये आतंकी अमरनाथ यात्रा को टारगेट करने की साजिश रच रहे थे। सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन में जम्मू-कश्मीर पुलिस के कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख भी थे। मुदासिर ने आतंकियों के एक संदिग्ध वाहन को पहचान लिया। आतंकियों को जब यह भनक लगी तो वे फायर झोंक दिए। लेकिन मुदासिर ने बेहद जांबाजी का परिचय देते हुए उस गाड़ी की ओर लपकते हुए आतंकी को पकड़ उसे बाहर खींच लिया।
यह देखते ही अन्य आतंकियों ने उनपर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। मुदासिर गंभीर रूप से घायल हो गए लेकिन वह आतंकवादी को पकड़े गए। घायल होने के बाद भी वह लगातार फायरिंग करते रहे और एक हाथ से एक आतंकी को जकड़े रहे। मुदासिर ने तीन आतंकियों को मार गिराया। आतंक के खिलाफ इस लड़ाई में गंभीर रूप से घायल मुदासिर की जान भी नहीं बचाई जा सकी। इस 26 जनवरी 2023 को मुदासिर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।
गणतंत्र दिवस पर वीरता के लिए 412 जांबाजों को सम्मानित किया गया है। इसमें छह को कीर्ति चक्र और 15 को शौर्य चक्र दिया गया है। शौर्य चक्र पाने वालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए मारे गए कांस्टेबल मुदासिर अहमद शेख भी है। इन सभी नामों का ऐलान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर किया गया था।
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