हालांकि उपचुनाव में पार्टी ने दो सीटें जीत लीं। अब इस लोकसभा चुनाव में पार्टी का फोकस उन सीटों पर भी है, जिनपर हार-जीत का अंतर 15 हजार मतों से कम था।
यूपी में ‘मिशन 80’ के तहत भगवा खेमे ने 2019 में हारी हुई 16 सीटों को हथियाने के लिए खास रणनीति तैयार की है। हालांकि उपचुनाव में पार्टी ने दो सीटें जीत लीं। अब इस लोकसभा चुनाव में पार्टी का फोकस उन सीटों पर भी है, जिनपर हार-जीत का अंतर 15 हजार मतों से कम था।
रूप में चिह्नित किया है। पार्टी रेड जोन के मतदाताओं तक पहुंच बढ़ा रही है। यहां बूथ से लेकर यूथ तक पर नजर रखी जा रही है।
भाजपा ने 2022 में विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद से ही ‘बूथ जीतो, सीट जीतो’ के मंत्र के साथ काम शुरू कर दिया था। इस बीच प्रदेश में हुए तमाम सियासी उलटफेर और विपक्षी एकता में बिखराव का फायदा उठाने के लिए भगवा खेमे ने ‘मिशन 80’ का फॉर्मूला तैयार किया है। विपक्ष के कब्जे और कम अंतर से जीत वाली सीटों को मिलाकर 20 से अधिक सीटों के लिए विशेष रणनीति तैयार की गई है। हालांकि विपक्षी खेमे की दो सीटों (आजमगढ़ और रामपुर) पर उपचुनाव में भाजपा ने कब्जा कर लिया था, फिर भी इस चुनाव में इन दोनों सीटों पर भी कड़ी चुनौती मिलने की संभावना को देखते हुए खास तैयारी की गई है।
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