इस सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं फरवरी में न होकर मई में आयोजित हो रही हैं। कोविड के कारण बच्चों को पढ़ाई और तैयारी का काफी समय मिल गया है। दोस्तों, एक तरफ आप जमकर किताबें पढ़ रहे होंगे और नोट्स बना रहे होंगे लेकिन एग्जाम के लिए प्रॉपर स्ट्रेटजी बनाना भी बहुत जरूरी है। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए कैंडिडेट्स को 100 पर्सेंट स्कोर वाली स्ट्रेटजी फॉलो करनी चाहिए। आजकल एक के बाद एक टॉपर्स को देखकर हर छात्र सोचता है कि भई 10 फीसदी नंबर लाना कैसे पॉसिबल है। तो हम आपको बता दें कि इसके लिए बस एक जबरदस्त तैयारी करनी होती है। आपको खुश होना चाहिए कि इस बार CBSE बोर्ड ने परीक्षा के सिलेबस को भी 30 फीसदी कम कर दिया था। आइए हम आपको कुछ टिप्स बताते हैं, जिससे आप बोर्ड परीक्षा में 100 फीसदी तक अंक हासिल कर सकते हैं
दोस्तों, साल भर आपने जितनी पढ़ाई की है इन बचे महीनों में उसका निचोड़ तैयार करना है। सबसे पहले तो आप किसी भी एक सब्जेक्ट को कम मत आंकिए। हर सब्जेक्ट पर बराबर फोकस और तैयारी कीजिए। परीक्षा के लिए सबसे जरूरी होता है कि आप सभी विषयों पर समान ध्यान दें। किसी भी विषय को नजरअंदाज न करें। वरना वो सब्जेक्ट में आए कम नंबर आपकी पर्सेंटेज बिगाड़ सकते हैं।
जितना महत्वपूर्ण है पढ़ाई उतना ही महत्वपू्र्ण है जो पढ़ा उसे दोहराना। इसलिए रिविजन करने से आप जो पढ़ते हैं उसे आप याद भी रख पाते हैं। इतना ही नहीं इससे आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है। इसलिए पढ़े हुए को लगातार रिवाइज करते चलें। कोशिश करें कि रिवीजन के लिए अलग से टाइम निकालें और नोट्स से फैक्ट्स और फॉर्मूले याद करें।
जिस टॉपिक्स को समझने में आपको कठिनाई हो रही है, उसपर थोड़ा ज्यादा ध्यान दें। इससे आप अन्य चीजों को और भी सरलता से समझ पाएंगे। टीचर की मदद से कॉनसेप्ट क्लियर करें। दोस्तों से मदद लें और फॉर्मूले को दिमाग में एकदम बैठा लें। जो टॉपिक मुश्किल लग रहा हो उसे ज्यादा समय देकर आप अपनी तैयारी मजबूत कर सकते हैं। अगर वो सवाल पेपर में आ गया तो आप बेहतर तैयारी के चलते उससे घबराएंगे नहीं।
आज के डिजिटल समय में आपके पास हजार ऑप्शन होता है ऐसे में टाइम वेस्ट करने से बेहतर है अपने नोट्स और सिलेबस के अनुसार ही पढ़ें। 30 फीसदी कटौती के बाद उपलब्ध करवाएं सिलेबस के हिसाब से टॉपिक पढ़ें। अपने नोट्स पढ़ने से चीजें जल्दी क्लियर हो जाती हैं और एक ही जगह पर मिल जाती हैं।
इस बार सीबीएसई बोर्ड में मल्टीपल च्वाइस सवालों की संख्या बढ़ा दी गई है। इससे बच्चों को आंसर राइटिंग की प्रैक्टिस न होने पर भी आसानी होगी। वो लंबे लेख लिखने से बच जाएंगे। किसी भी परीक्षा में MCQs बेहद महत्वपूर्ण होता है। इसे सबसे पहले हल करना चाहिए। इसलिए फैक्टस और फॉर्मूले, डेट्स आदि पर ज्यादा ध्यान दें मल्टीपल च्वाइस सवाल अधिकतर इन्हीं से बनते हैं।
किसी भी परीक्षा की तैयारी में सबसे लास्ट स्टेज होती है पिछले साल के पेपर सॉल्व करना। इससे रिवीजन भी हो जाता है और प्रैक्टिस भी। पिछले साल के प्रश्न- पत्र से आपको परीक्षा का पैटर्न समझ में आएगा तथा आप समझ पाएंगे कि पेपर का क्या पैटर्न है। इसलिए रोजाना एक से दो पिछले साल के पेपर -जरूर सॉल्व करें।
अगर आपकी तैयारी अच्छी है तो इसको लेकर ओवर कॉनफिडेंस न हों। ओवर कॉनफिडेंस में आप अपना बचा हुआ कीमती समय बर्बाद कर लेंगे। आपको लगेगा मेरी तैयारी तो पक्की है मैं क्यों पढ़ूं ऐसे में दूसरा कैंडिडेट आपसे दोगुना मेहनत करके आगे निकल जाएगा। इसलिए कभी भी इस उम्मीद पर ना बैठे कि परीक्षा से दो दिन पहले आपकी तैयारी पूरी हो जाएगी। साथ ही तनाव से भी बचें। तनाव में रहकर कोई भी काम सही तरीके से नहीं किया जा सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहें, परीक्षा से घबराए नहीं और खुद पर विश्वास करें। आपने जो पढ़ा है उस पर भरोसा करें।
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