नई दिल्ली। अगर आपके पास अपनी जमीन है और कम निवेश में अपना कारोबार करना चाहते हैं तो आप फ्लाई ऐश ब्रिक्स यानी राख की ईंटें बनाने के कारोबार हाथ आजमा सकते हैं. फ्लाई एश ब्रिक को आम तौर पर सीमेंट की ईंट भी कहा जाता है. इसके लिए 100 गज जमीन और कम से कम 2 लाख रुपये का निवेश करना होगा. इस पर आप हर महीने एक लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. आइए जानें बिजनेस के बारे में सबकुछ…
रोजाना 3 हजार ईंटों का हो सकता है उत्पादन
तेजी से हो रहे अर्बनाइजेशन में बिल्डर फ्लाई ऐश ईंटों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन फ्लाई ऐश ईंटों को बिजली के संयंत्रों से निकलने वाली राख, सीमेंट और स्टोन डस्ट के मिश्रण से तैयार किया जाता है. इस कारोबार के लिए निवेश का अधिकतर हिस्सा आपको मशीनरी में लगाना होगा. इस मैन्युअल मशीन को करीब 100 गज की जमीन में लगाया जा सकता है. इस मशीन के जरिए ईंट उत्पादन के लिए आपको 5 से 6 लोगों की जरूरत होगी. इससे रोजाना करीब तीन हजार ईंटों का उत्पादन हो सकता है. इस निवेश में कच्चे माल की लागत शामिल नहीं है.
10 से 12 लाख रुपये ऑटोमेटिक मशीन का खर्च
इस कारोबार में ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल, कमाई के मौके बढ़ाता है. लेकिन इस मशीन की कीमत 10 से 12 लाख रुपये होती है. इसमें कच्चे माल के मिश्रण से लेकर ईंट बनाने तक लेकर सभी कुछ इसमें शामिल है. ऑटोमेटिक मशीन से 1 घंटे में 1 हजार ईंटों को बनाया जा सकता है. यानी इस मशीन से आप महीने में 3 से 4 लाख ईंटों का उत्पादन कर सकते हैं.
इस कारोबार को बैंक से लोन लेकर भी शुरू किया जा सकता है. प्रधानमंत्री रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना के तहत इस कारोबार के लिए लोन लिया जा सकता है. इसके अलावा मुद्रा लोन विकल्प भी मौजूद है.
कम मिट्टी वाले इलाकों में ईंटों की मांग
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में मिट्टी की कमी की वजह से ईंटों का उत्पादन नहीं होता. इसलिए यहां उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से ईंटें मंगवाई जाती है, जिससे ट्रांसपोर्टेशन का खर्च बढ़ता है. ऐसे में पहाड़ी इलाकों में इस मशीन की मदद से स्टोन डस्ट और सीमेंट से ईंटें बनाने का काम कारोबार शुरू कर फायदेमंद हो सकता है.
पहाड़ी इलाकों में स्टोन डस्ट आसानी से मिलने की वजह से इसकी लागत में कमी आती है और आपकी बचत भी ज्यादा होती है.
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