मामूली मानदेय बढ़ाकर सरकार ने शिक्षा मित्रों का किया अपमान, स्थाईकरण से कम कुछ भी मंजूर नहीं: खेमसिंह

शिक्षा संवाददाता
मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने  विधानसभा में लाये गए अनपुरक बजट में शिक्षा मित्रों के मानदेय में दो हजार रुपये की बढ़ोत्तरी शिक्षा मित्रों को रास नहीं आ रही है।  उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के जिला अध्यक्ष खेमसिंह चौधरी ने बताया कि सरकार द्वारा शिक्षा मित्रों के मानदेय में अल्प दो हजार रुपये की बढ़ोत्तरी करना शिक्षा मित्रों के साथ एक भद्दा मजाक है। कहा कि  सरकार ने 2017 के अपने संकल्प पत्र में शिक्षा मित्रों के स्थाईकरण का वादा किया था।

पिछले पांच साल से सरकार के मंत्री हर जगह यही कहते थे कि हम शिक्षा मित्रों के स्थाई समाधान का रास्ता खोज रहे हैं और जल्द ही शिक्षा मित्रों के लिए अच्छा करेंगे। इसी आस में और सरकार की उदासीनता से आहत होकर एवं आर्थिक तंगी के कारण प्रदेश के छ: हजार से ज्यादा शिक्षा मित्र अवसाद में आकर आत्म हत्या एवं हार्ट  अपनी जान गंवा चुके हैं ।  अब चुनाव के समय शिक्षा मित्रों के मानदेय में मामूली बृद्धि कर सरकार ने शिक्षा मित्रों का अपमान किया है ।

शिक्षा मित्र लक्ष्मी यादव , शांति देवी ,ममता तथाा सुनीता शर्मा आदि का कहना है महंगाई इतनी है कि बच्चो की फीस , घर के राशन , बिजली के बिल की सहित घर के खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है। दो हजार मानदेय बढ़ने से क्या हो सकता है, जबकि शिक्षा मित्र अध्यापकों के बराबर काम करते हैं लेकिन अध्यापकों के वेतन और शिक्षा मित्रों के मानदेय में 6 से 7 गुना अंतर है।  प्रदर्शन करने वालो में योगेंद्र सिंह , रामवीर सिंह , दिगंबर सिंह , नरदेव , रामगोपाल , राजकुमार चौधरी , पूनम अग्रवाल , सरोज देवी , रूपन कुमारी , नीता , अंजू , प्रताप सिंह , अनिता शर्मा , देवेंद्री , हेमलता , कल्पना , प्रीति, कुसमलता , तेजवीर सिंह ,गजेंद्र  एवं निर्मला  आदि शामिल थे।

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