नई दिल्ली। भारतीय सेना के एक मेजर की पत्नी शैलजा द्विवेदी की हत्या के मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं। आरोपी मेजर हांडा से पुलिस जैसे-जैसे पूछताछ कर रही है वैसे-वैसे उसकी निजी जिंदगी का घिनौना चेहरा सामने आ रहा है।
जांच अधिकारियों के मुताबिक, हांडा हत्या करने के बाद मेरठ कैंट इसलिए गया, क्योंकि वह तीन साल तक मेरठ में तैनात रह चुका है। वह ऑफिसर मेस में जाकर रुका, उसे लगा कि कैंट एरिया उसके लिए सुरक्षित है, क्योंकि वहां पुलिस नहीं घुस सकती।
गिरफ्तार मेजर निखिल राय हांडा पुलिस तहकीकात में लगातार बयानों में उलटफेर कर गुमराह कर रहा है। केस की तफ्तीश में जुटी पुलिस टीम इस पूरी वारदात की कड़ी से कड़ी जोड़ने की कोशिश कर रही है। मगर निखिल अचानक शैलजा से जुड़े नए खुलासे करके पूरे केस को भटका देता है। जांच में यह साफ हो चुका है कि शैलजा की हत्या में इस्तेमाल होंडा सिटी कार निखिल के पिता की है। निखिल के पिता अमृत राय हांडा नेवी में कैप्टन हैं। यह कार उन्हीं के नाम पर रजिस्टर्ड है।
जांच में पता चला कि शनिवार को शैलजा से मुलाकात से पहले आरोपी निखिल ने उन्हें फोन कर कहा था कि ‘जरूरी बात करनी है, बस… एक बार मिल लो। इसके बाद फिर कभी नहीं मिलूंगा और न ही कॉल करूंगा’। निखिल हांडा की इसी जिद के कारण शैलजा ने हामी भरी, जिससे कि हमेशा के लिए पीछा छुड़ाया जा सके। मगर शैलजा उसकी बातों के पीछे छिपे खूनी इरादों को नहीं भांप सकीं।
पुलिस का कहना है कि रिमांड के बाद निखिल को मेरठ ले जाने का प्लान था, मगर फिर से घटनास्थल पर क्राइम सीन को रिक्रिएट करना पड़ा। पुलिस निखिल हांडा को लेकर घटनास्थल पर पहुंची। वहां एक-एक सीन के बारे में पूछा। करीब एक घंटे बाद पुलिस की टीम उसे लेकर आरआर अस्पताल, बाद में साकेत स्थित उसके घर पहुंची। पुलिस ने वारदात वाले दिन निखिल के पहने हुए कपड़े बरामद करने की कोशिश की। हालांकि निखिल लगातार कह रहा है कि उसने उन कपड़ों को घर के पास ही जला दिया था, लेकिन पुलिस को जले हुए कपड़ों के निशान नहीं मिले हैं। पुलिस को आंशका है कि निखिल केस को उलझाने की कोशिश कर रहा है।
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