नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की छेड़छाड़ (मॉर्फ) से तैयार की गई तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा करने के आरोप में गिरफ्तार बीजेपी की महिला कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई है।
मामले की सुनवाई के दौरान प्रियंका शर्मा के वकील एनके कौल ने कहा कि यह मामला कानून के उल्लंघन का है। एक मीम के लिए 14 दिन की हिरासत कहां तक जायज है, एनके कौल की इस दलील पर जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने कहा कि प्रियंका शर्मा को इस तस्वीर के लिए माफी तो मांगनी ही चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा तभी खत्म हो जाती है जब यह किसी के अधिकारों का उल्लंघन करती हो. इसलिए प्रियंका को माफी मांगनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा इस के दो पक्ष हैं, पहला मामला कानून के उल्लंघन का है। प्रियंका शर्मा बीजेपी की कार्यकर्ता हैं। इसके पीछे की मंशा अलग है। अगर वे एक सामान्य नागरिक होतीं तो मामला दूसरा होता है। अगर कोई इससे आहत हो रहा है तो माफी मांगी जानी चाहिए। जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एनके कौल की इस दलील पर गौर किया कि जेल में बंद कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर शीघ्र सुनवाई की आवश्यकता है। प्रियंका शर्मा को तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून के तहत 10 मई को गिरफ्तार किया था। बता दें कि भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा ने फेसबुक पर एक ऐसी फोटो कथित रूप से साझा की थी जिसमें न्यूयॉर्क में ‘मेट गाला’ समारोह में एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा की तस्वीर में फोटोशॉप के जरिए ममता का चेहरा लगाया गया था।
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