यूनिक समय, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले साल नागरिकता संशोधन कानूनऔर एनआरसी के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन मामले में लखनऊ पुलिस ने कई आरोपियों पर 5000 का इनाम घोषित कर दिया है। पुराने लखनऊ में आरोपियों के पोस्टर भी लगाए लगा दिए गए हैं। मौलाना सैफ अब्बास और शिया धर्मगुरु कल्बे सादिक के बेटे कल्बे सिब्तेन नूरी की तस्वीरें भी आरोपियों के पोस्टर में शामिल हैं। कुल 15 लोगों की तस्वीर पोस्टर में दिख रही है। जानकारी के अनुसार, 8 आरोपियों को गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के तहत वांटेड घोषित किया गया है. सभी आरोपियों के घर के बाहर भी नोटिस चस्पा की गई है।
पुलिस के अनुसार, पोस्टर में शामिल हसन, इरशाद और आलम ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। वहीं, चौक निवासी मौलाना सैफ अब्बास, कल्बे सिब्तेन नूरी, ठाकुरगंज के सलीम चौधरी, कासिफ, हलीम, नीलू, मानू, इस्लाम, आसिफ, तौकीर, जमाल और शकील अभी फरार हैं। सभी पर इनाम घोषित किया जा चुका है. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगाई गई हैं।
लगातार चल रही कार्रवाई
बता दें कि इससे पहले लखनऊ की ठाकुरगंज और चौक पुलिस ने इस हिंसा और आगजनी में शामिल 8 फरार आरोपियों पर 5-5 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। वहीं, पुलिस ने डुगडुगी पिटवाकर फरार आरोपियों की संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई भी शुरू करा दी है।
सीएम योगी ने अपनाया था कड़ा रुख
बता दें कि पिछले साल दिसंबर में लखनऊ में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया था। इस दौरान पुराने शहर से लेकर हजरतगंज तक कई थाना क्षेत्र में तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की गई थी। इस हिंसक प्रदर्शन के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाया था और ऐलान किया था कि जनता और सरकारी संपत्ति को जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई इन प्रदर्शनकारियों से की जाएगी। इस मामले में ठाकुरगंज, हजरतगंज, हसनगंज थानों में मुकदमे दर्ज किए गए थे।
ठाकुरगंज पुलिस ने 27 नामजद आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी, जिसमें से 11 को जेल भेजा जा चुका है। एक ने सरेंडर किया था, वहीं 7 गिरफ्तारी के खिलाफ कोर्ट से स्टे ले लिया है।
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