चिट-फंड कंपनी बनाकर 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी करने वाले आरोपी ओमाराम मारवाड़ी को पुलिस ने 11 साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी नाम बदलकर दिल्ली में ड्राई फू्रट बेचने का काम करने लगा था। उसने एक बड़ा मार्ट भी शुरू कर लिया था। पर आखिरकार कानून के लंबे हाथों से वह बच नहीं पाया। प्रदेश के अलग अलग थानों में ठगी के 60 मामले दर्ज आरोपी को पुलिस ने उत्तर नगर दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। ठगी के अन्य आरोपियों को पुलिए अब भी तलाश कर रही है। पुलिस उप अधीक्षक विरेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि आरोपी ओमाराम उर्फ राम मारवाड़ी मेघवाल जोधपुर जिले के बालेसर थाना इलाके के गोपालसर गांव का रहने वाला है।
दरअसल आरोपी ओमाराम ने 2010 में खोली गई मिताशी टे्रड लिंक लिमिटेड और मिताशी ट्रेड लिमिटेड शुरु की थी। आरोपी ने साथियों के साथ एक गिरोह बनाकर प्रदेश के कई स्थानों पर इस कंपनी की शाखाएं खोली। एक वर्ष में धन दो गुना करने ,बीमा व अन्य कई लाभ देने का झांसा देकर कंपनी का सदस्य बनाकर इस गिरोह ने चैन सिस्टम के जरिये 100 करोड़ जुटा लिए। इसके एक साल बाद ही कंपनी को अचानक बंद कर आरोपी फरार हो गए। जिसके चलते शहर कोतवाली में ही आरोपियों के लिए 11 मामले दर्ज करवाए गए।
कोतवाली थानाधिकारी कन्हैयालाल ने बताया कि बेरी निवासी किरण कंवर ने रिपोर्ट दी थी कि उसके पति सूरत में काम करते हैं। फरवरी 2010 में जब उसका बेटा शंकर सिंह की जयपुर से बस में आने के दौरान सरदारशहर निवासी धमेन्द्र जाडीवाल से मुलाकात हुई। धमेन्द्र ने शंकर सिंह को इस कंपनी के बारे में बताकर ऑफर से झांसा दिया। जब वह झांसे में नहीं आया तो उसे होटल में बुलाकर सब्जबाग दिखाए। उसने बताया कि कंपनी की सेमीनार में धर्मेन्द्र व कृष्ण जाड़ीवाल ने खुद को साधारण परिवार का बताकर कंपनी से जुडऩे के बाद पैसा, मकान, कार और जमीन का मालिक होने की बात कही। यह देख वह भी झांसे में आ गई और उसने खुद और परिचितों की लगभग 15 लाख की राशि का कंपनी में निवेश कर दिया। इसके बाद वर्ष 2011 में कंपनी अचानक बंद हो गई।
चिट फंड कंपनी के नाम से ठगी के कई आरोपी विदेश भी भाग चुके हैं। पुलिस ने बताया कि सीकर शहर कोतवाली व नीमकाथाना में दर्ज मामलों में 10 नामजद आरोपी हैं। जिनकी तलाश की तो कइयों के विदेश भागे जाने की जानकारी मिली है।
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