
ब्रज भ्रमण: मेरे बांके बिहारी लाल तू इतना न करियो श्रंगार, नजर तुझे लग जायेगी
मोर मुकुट कटि काछनी, कर मुरली उर माल। यहीं बानिक मो मन बसॆ सदा बिहारीलाल।। वृंदावन के प्राण है वो। उनके पास ले जाती गैल […]
मोर मुकुट कटि काछनी, कर मुरली उर माल। यहीं बानिक मो मन बसॆ सदा बिहारीलाल।। वृंदावन के प्राण है वो। उनके पास ले जाती गैल […]
माधव विलास जयपुर मंदिर की अपनी शान निराली है। चार खंभ के मंदिर में पत्थर की कला उछाली है।। एक सौ आठ दीप की दीवट […]
गर्भगृह में विराजे ठाकुर के दर्शन तो आपने खूब किए लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहां कांच की कला असंख्य कृष्ण एक साथ दिखाती […]
बरसों तक अपने ठाकुर के बिना सूना पड़ा सिसकता रहा। आंसुओं की नमी से दीवार दरकने लगीं। बेरहम वक्त के आगे इंतजार हार गया। साक्षी […]
वृंदावन धाम में एक देवालय ऐसा भी है जो दक्षिण भारत की यात्रा कराता है। न सिर्फ बाहरी तौर पर बल्कि उसकी आत्मा के प्रकाश […]
यौं तौ निज थाम में मुकते मंदिर हैं पर अजब मनोहर अनौतौ है। यानी धर्म के धागे मै सेवा के मोती जो पिरोय राखे हैं। […]
श्रीजी कुंज श्री ठाकुर आनंद मनोहर जोड़ी है। जिसने अपनी सुंदरता से पीछे उपमा जोड़ी है।। फूलडोली झूला बंगला सांझी अन्नकूट सरस होरी। दुख दरिद्र […]
प्रिया प्रीतम का निकेतन राजस्थान की भक्ति और कला के रंगों से निखरा है। राजे रजवाड़ों की रानियों की राधा माधव से गहरी प्रीति रही […]
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