नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 26 लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं। हर दिन कोरोना मरीजों की संख्या नए रिकॉर्ड बना रही है। इन सबके बीच सबसे ज्यादा डराने वाली बात ये आ रही है कि जो मरीज ठीक होकर घर वापस जा रहे हैं उनके शरीर में कई तरह की दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। डॉक्टरों की मानें तो ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद उसके अंदर थकान से लेकर सांस लेने में दिक्कत, फेफड़ों की परेशानी, खून के थक्के बनना और स्ट्रोक तक के मामले देखने को मिल रहे हैं।
हाल ही में नोएडा के एक अस्पताल में डॉक्टरों को उस समय अलर्ट किया गया जब एक कोरोना मरीज डिस्चार्ज होने के बाद एक बार फिर सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती हुआ। डॉक्टरों ने बताया कि उसका ऑक्सीजन लेवल काफी गिर गया था, जिससे उसकी हालत काफी खराब हो गई। शारदा हॉस्पिटल के प्रवक्ता डॉ अजीत कुमार ने बताया कि मरीज को जुलाई में डिस्चार्ज कर दिया गया था लेकिन अगस्त में उन्हें फिर भर्ती कराना पड़ा। हालांकि उनकी कोरोना रिपोर्ट अभी भी निगेटिव आई है।
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के सीनियर चेस्ट फिजिशियन डॉ अरूप बसु के मुताबिक कोरोना वायरस सीधे तौर पर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। कोरोना की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी इनका असर फेफड़ों पर बना रहता है। मोटे टिश्यूज पर मौजूद निशान फेफड़ों को ठीक से काम करने से रोकते हैं, जिसके कारण उन्हें अतिरिक्त ऑक्सिजन की जरूरत पड़ती है। डॉ बसु ने भी एक ऐसे ही मरीज का उदाहरण दिया जो महीने भर पहले कोरोना की जंग जीत चुका था लेकिन अब फिर से आईसीयू में है क्योंकि उसे सांस लेने में दिक्कत है। हाल में अस्पताल पहुंचने वाले कोरोना मरीजों का जो ट्रेंड दिखाई दे रहा है उससे डॉक्टरों को डर है कि कहीं बड़ी संख्या में लोगों के फेफड़े खराब न जाएं, जिन्हें ठीक करना बेहद मुश्किल होगा।
देश में 24 घंटे में आए 57,982 नए केस
देश में कोरोना मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 26 लाख 47 हजार 664 हो गया है। 24 घंटे के अंदर 57 हजार 982 नए मरीज बढ़े. रविवार को 941 मरीजों की मौत हुई। वहीं, 24 घंटे में अमेरिका 36,843 केस आए और 522 लोगों की जान गई. ब्राजील में बीते दिन 22,365 नए मामले आए और 582 मौतें हुईं। अब तक 50 हजार 921 लोग संक्रमण के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं. अभी भारत में औसतन हर रोज 900 लोगों की जान जा रही है।
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