
यूनिक समय, नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने रेलवे विभाग में एक बड़े भर्ती घोटाले का पर्दाफाश किया है, जिसमें रेलवे अधिकारियों पर रिश्वत लेने का गंभीर आरोप लगा है। CBI ने इस मामले में वडोदरा, मुंबई और अन्य स्थानों के रेलवे अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। जांच में पाया गया कि अधिकारियों ने उम्मीदवारों से विभागीय परीक्षा पास करने के लिए 4-5 लाख रुपये की रिश्वत ली थी।
CBI की जांच के मुताबिक, कई रेलवे अधिकारियों ने रिश्वत के लेन-देन के लिए उम्मीदवारों की एक सूची तैयार की थी। इस रेलवे भर्ती घोटाले में शामिल अधिकारियों में अंकुश वासन (IRPS, वेस्टर्न रेलवे, वडोदरा), संजय कुमार तिवारी (डिप्टी चीफ कमर्शियल मैनेजर, चर्चगेट, वेस्टर्न रेलवे, मुंबई), नीरज सिन्हा (डिप्टी सुपरिटेंडेंट) और मुकेश मीणा समेत कई अन्य अधिकारियों का नाम सामने आया है।
CBI के अनुसार, कुल 10 उम्मीदवारों को रिश्वत देने के लिए तैयार किया गया था। अधिकारियों ने रिश्वत का लेन-देन कैश की बजाय सोने में किया ताकि कोई रिकॉर्ड न रह सके। जांच में यह भी सामने आया कि अधिकारियों ने उम्मीदवारों से पैसे लेने के लिए एक जटिल व्यवस्था बनाई, जिससे यह मामला और भी गंभीर हो गया।
यह घोटाला उस समय उजागर हुआ जब अंकुश वासन ने संजय कुमार तिवारी से कहा था कि वह मुकेश मीना के संपर्क में रहकर यह सुनिश्चित करें कि कितने उम्मीदवार रिश्वत देने के लिए तैयार हैं। बाद में यह तय हुआ कि रिश्वत की रकम सीधे मुकेश मीना के माध्यम से संजय कुमार तिवारी को दी जाएगी।
CBI ने इस घोटाले में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी है और जांच जारी है।
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