
यूनिक समय, नई दिल्ली। कल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। यह पर्व जो देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा के साथ भक्तों की इच्छाओं की पूर्ति का कारण बनता है। हिंदू धर्म में नवरात्रि का महत्व बहुत अधिक है, जिसमें चार बार नवरात्रि मनाई जाती है—शारदीय, चैत्र, और दो गुप्त नवरात्रि। इस वर्ष, चैत्र नवरात्रि का आरंभ कल से होगा, जो 6 अप्रैल तक चलेगा।
चैत्र नवरात्रि का महत्त्व
चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च को होगी, जिसमें खासतौर पर माता रानी के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन से लेकर नवमी तक हर दिन एक देवी के रूप की उपासना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है, जो इस साल 6 अप्रैल को पड़ेगा।
घटस्थापना या कलश स्थापना मुहूर्त
नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। इसके लिए शुभ मुहूर्त 30 मार्च को सुबह 6:34 बजे से लेकर 7:23 बजे तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:18 से 1:08 बजे तक रहेगा।
किस दिन किस देवी की होती है पूजा
- 30 मार्च (पहला दिन) : माता शैलपुत्री
- 31 मार्च (दूसरा और तीसरा दिन) : मां ब्रह्मचारिणी और देवी चंद्रघंटा
- 1 अप्रैल (चौथा दिन) : देवी कूष्मांडा
- 2 अप्रैल (पांचवां दिन) : स्कंदमाता
- 3 अप्रैल (छठा दिन) : कात्यायनी माता
- 4 अप्रैल (सातवां दिन) : मां कालरात्रि
- 5 अप्रैल (आठवां दिन) : मां महागौरी
- 6 अप्रैल (नौवां दिन) : मां सिद्धिदात्री
इस नौ दिवसीय पर्व के दौरान देवी दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा से भक्तों को समृद्धि, सुख, और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
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