यूनिक समय। शरद पूर्णिमा की रात इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण लगने जा रहा है तो भारत और भारत में रहने वालों के लिए बेहद खास होगा। यह चंद्रग्रहण भारत में दृश्य होने की वजह से इसका सूतक भी मान्य होगा। और इस रात देवी लक्ष्मी की साधन अत्यंत फलदायी होगी। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की रात लगने जा रहे चंद्रग्रहण का सूतक काल और प्रभाव।
बता दें कि इस साल का पहला चंद्रग्रहण 5 मई को वैशाख पूर्णिमा का दिन लगा था। ग्रहण दुनियाभर के कई हिस्सों में लगा था लेकिन, भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं दिया था। लेकिन, साल का अंतिम चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देने वाला है। आइए जानते हैं कब लगेगा साल का अंतिम चंद्रग्रहण और सूतक काल का समय क्या रहेगा।
चंद्रग्रहण की तारीख और समय – Chandra Grahan 2023
बता दें कि साल का अंतिम चंद्रग्रहण अश्विन पूर्णिमा यानी 28 और 29 अक्टूबर की मध्य रात्रि को पूरे भारत में खंडग्रास के रूप में दिखाई देगा। चंद्रग्रहण मध्यरात्रि 1 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा और रात के 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यह चंद्रग्रहण भारत के सभी शहरों में देखा जाएगा।
चंद्रग्रहण के सूतक काल का समय
चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। बता दें कि सूतक काल के दौरान कोई भी मांगलिक कार्य या पूजा पाठ नहीं किया जाता है। 28 अक्टूबर की मध्यरात्रि को लगने जा रहे चंद्रग्रहण का सूतक 28 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा।
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कहां-कहां दिखाई देगा चंद्रग्रहण
भारत के अलावा भी कई देशों में चंद्रग्रहण दिखाई देने वाला है। यह चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिण-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका के उत्तरी पूर्वी क्षेत्र, हिंद महासागर, दक्षिणी प्रशांत महासागर में दिखाई देगा।
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