मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में लोकसभा स्पीकर कौन होगा? इसे लेकर BJP-NDA में माथापच्ची चल रही है। नीतीश कुमार भाजपा का स्पीकर होने के पक्ष में हैं, लेकिन चंद्रबाबू नायडू ने एक शर्त रख दी है। मोदी 3.0 में लोकसभा स्पीकर कौन होगा? इसे लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है। केंद्र में इस बार भी BJP के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन की सरकार बनी है, लेकिन इस बार TDP-JDU के सहयोग से सरकार बनी है, इसलिए मोदी सरकार को फैसले लेने में माथापच्ची करनी पड़ रही है।
सरकार बनते ही सबसे पहला और बड़ा फैसला लोकसभा स्पीकर का है, जिसे भाजपा अपने पास रखना चाहती है। इस फैसले में नीतीश कुमार की JDU भाजपा के साथ है, लेकिन चंद्रबाबू नायडू की TDP के तेवर अलग नजर आ रहे हैं। ऐसे में BJP-NDA मुश्किल में फंस गए हैं, क्योंकि TDP अंदरखाते भाजपा पर लगातार दबाव बना रही है। TDP के प्रवक्ता पट्टाभि राम कोमारेड्डी ने एक बयान देकर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की टेंशन बढ़ा दी है। उन्होंने कहा है कि भाजपा और NDA में शामिल सहयोगी दलों की सहमति से ही लोकसभा स्पीकर चुना जाना चाहिए।
TDP सहयोगी दलों के साथ मीटिंग करेंगी। उसमें जिस चेहरे का नाम लोकसभा स्पीकर के लिए आएगा और उस पर सहमति बनी तो भाजपा को बता दिया जाएगा। उसके बाद सहमति बनने पर लोकसभा स्पीकर चुना जाएगा, जबकि नीतीश कुमार की JDU भाजपा के फैसले को समर्थन दे रही है। JDU को भाजपा का लोकसभा स्पीकर बनने से कोई दिक्कत नहीं है। वहीं सूत्रों के मुताबिक, TDP अड़ी तो भाजपा डी. पुरंदेश्वरी का नाम दे सकती है,
जो चंद्रबाबू नायडू की साली हैं। लोकसभा स्पीकर को लेकर चल रही गहमागहमी के बीच सियासी गलियारों में एक और चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नेतृत्व वाले INDIA अलायंस ने लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांग लिया है। वैसे यह पद विपक्ष के लिए ही होता है, फिर भी कांग्रेस ने औपचारिकता निभाते हुए यह पद सरकार से मांगा है।
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